

Positive India:Raipur:
शदाणी दरबार तीर्थ द्वारा धर्मिक यात्रा हेतु संत श्री डॉ युधिष्ठिरलाल जी अध्यक्षता में सिंध पाकिस्तान गया जत्था प्राचीन व पौराणिक वेद भूमि माथेलो स्थित आदि स्थान शदाणी दरबार मंदिर पहुंचा ,भारत से गए 136 श्रद्घालुओं के साथ सिंध के अनेक शहरों से हज़ारों भक्त भी पहुंचे।
वेद मंदिर माथेलो जहां शदाणी दरबार के प्रथम संत शदाराम साहिब जी ने अपने तपोबल से महादेव की धूनी प्रकट की उस कारण उनको धोनी वाला महादेव भी कहा जाता है , शदाणी दरबार के नवम पीठादीश्वर संत श्री डॉ युधिष्ठिरलाल जी ने भक्तो को इस आदि अस्थान के संम्बध में अपने अशीर्वादिक प्रवचनों में कहा कि इस अस्थान पर आने वाला कोई भी सवाली खाली नही जाता और धोनी साहिब के दर्शन मात्र से सब कष्ट मिट जाते है ।
अखिल भारतीय शदाणी सेवा मण्डल के अध्यक्ष उदय शदाणी ने जानकारी देते बताया कि आदि अस्थान के दर्शन करने के बाद जत्था पनो आकिल होते हुए प्राचीन अरूर माता मंदिर जाएगा , पाकिस्तान में ज्योति पीठ हिंगलाज के बाद यह पहाड़ की गुफा में बना सब से प्राचीन मंदिर है । अरूर माता मंदिर के दर्शन करने के बाद जत्था नवम पीठादीश्वर के साथ सिंधु नदी जिसे सिंध की गंगा भी कहा जाता है, के बीच बने साधुबेला स्थान पहुंचे और वहाँ पर विराजमान शदाणी दरबार मंदिर के संस्थापक संत शदाराम साहिब जी की मूर्ति के दर्शन और आरती की , एवं सिंधु के जल में हजारों दीप जला कर प्रवाहित किये और सिंधु आरती भी की। उस समय सिंध में रहने वाले श्रद्धलुओं को ऐसे लग रहा था जैसे वे हरीद्वार में माता गंगा की आरती कर रहे हों।
सिंह मुख लेह लदाख से निकलने वाली सिंधु का शदाणी दरबार तीर्थ द्वारा हर वर्ष दो दफा पूजा अर्चना का कर्यक्रम होता है , जून में भारत मे लेह लदाख में सिंधु के उदगम स्थल एवं दिसम्बर में सिंध स्थित साधुबेला में उस के बाद सिंधु हिंद महासागर में मिल जाती है , सिंधु पूजन के बाद रात्रि को घोटकी स्थित शदाणी कृष्ण मंदिर पहुंचेगा जहाँ जथे स्वागत के लिए अनेक कार्यकर्मो का आयोजन वहाँ के श्रद्घालुओं ने किया है ।