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एक कदम आत्मनिर्भरता की ओर-ग्लोबल फूड टेक ने शुरू की ऑनलाइन इंटर्नशिप प्रोग्राम

Gluten Free Food Project by Sourabh of Bilaspur gets approval and rewards.

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Sourabh of Bilaspur got selected for Project on Gluten by GFTC.
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Positive India:Indore;31 May 2020:
कोरोनावायरस(Coronavirus)और इसके चलते लाकॅडाउन(Lockdown)और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) की भारत को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम के बीच ग्लोबल फूड टेक कंसल्टेंट्स इंदौर ने एक बड़ा ही उत्कृष्ट इंटर्नशिप प्रोग्राम फूड टेक्नोलॉजी एवं इससे संबंधित विषयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए चालू किया है। इसके तहत उन्हें पहले वेबीनार में बताया गया कि क्या करना है और कैसे write-up तैयार करना है। ग्लोबल फूड टेक कंसलटेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर रामनाथ सूर्यवंशी ,जो FSSAI के नेशनल लेवल रिसोर्स पर्सन भी है, ने बताया कि राइटअप के तैयार होने, भेजने तथा उसके चयनित होने के बाद ग्लोबल फूड टेक कंसल्टेंट्स उन्हें 6 महीने तक प्रैक्टिकल नॉलेज, टेक्निकल नॉलेज, इंडस्ट्री का नॉलेज, फूड सेफ्टी का नॉलेज देंगे तथा उसकी मेंटरिंग की जाएगी ताकि वह इंडस्ट्री में जाकर तुरंत जॉब ले सके या अपना खुद का स्टार्टअप चालू कर सके। इस संदर्भ में इस संदर्भ में बहुत से छात्रों ने अपने आइडिया को प्रोजेक्ट वर्क के रूप में प्रस्तुत किया।

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आए हुए सभी प्रोजेक्ट्स में से ग्लोबल फूड टेक कंसलटेंट के एक्सपर्ट्स ने एक प्रोजेक्ट को सिलेक्ट किया, जिससे बिलासपुर के फूड टेक्नोलॉजी के छात्र सौरभ भारतीय ने सबमिट किया था।

सौरभ भारती जोकि फूड टेक्नोलॉजी के एमएससी प्रथम वर्ष के छात्र है तथा बिलासपुर में अध्ययन कर रहे हैं, ने अपना प्रोजेक्ट प्रपोजल एवं write-up Gluten Free Food Products के बारे में बनाया है। सौरभ इस प्रोजेक्ट के माध्यम से इसपर रिसर्च करने के पश्चात अपना स्वयं का स्टार्टअप चालू करना चाहते हैं ताकि gluten-free खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराया जा सके।

सौरभ ने बताया कि रिसर्च के मुताबिक भारत में जितने भी खाद्य पदार्थ पाए जाते हैं, उनमें ग्लूटेन रहता है, जो खासकर महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है। ग्लूटेन होने की वजह से हर 10 में से एक महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रसित होती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का इलाज सिर्फ सर्जिकल रिमूवल है। इसे कम किया जा सकता है, वह भी एक्सरसाइज तथा डाइट के नियंत्रण से। परंतु अगर ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थों को लिया जाए तो कम से कम महिलाओं में पीसीओएस की बीमारी बिल्कुल खत्म तो नहीं परंतु कम अवश्य की जा सकती है।

बिलासपुर के सौरभ भारती, इस विषय पर प्रोजेक्ट के माध्यम से रिसर्च करेंगे एवं ग्लोबल फूड टेक कंसल्टेंट्स उन्हें मार्गदर्शन कर एक उपयोगी प्रोजेक्ट बनाने के लिए काम करेगा, जिससे पूरे विश्व की समस्या, जोकि ग्लूटेन वाले खाद्य पदार्थों से बहुत सारे लोगों को हो रही है, उसका समाधान निकल पाए ।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ग्लूटेन को बहुत सारे लोग डाइजेस्ट नहीं कर पाते एवं इससे अलग अलग तरह की बीमारियां होती है। एफएसएसआई के अनुसार यदि किसी भी प्रोडक्ट में ग्लूटेन(Gluten) रहता है तो उसकी अलरजेन इनफार्मेशन या अलरजेन की जानकारी लेबल पर देना जरूरी होता है।

कोरोना(Corona) लाकडाउन के दौरान ग्लोबल फूड टेक द्वारा उठाए गए इस कदम से यदि इस प्रोजेक्ट में आगे काम करके सफलता पाते हैं, तो विश्व में एक बहुत बड़ा कीर्तिमान स्थापित हो सकता है।

Gluten Free Food Products को बनाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए ग्लोबल फूड टेक कंसल्टेंट्स ने सौरभ भारती को 6 महीने की इंटर्नशिप तथा ₹1001 के कैश रीवार्ड व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। इतना ही नहीं ग्लोबल फूड टेक कंसलटेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर रामनाथ सूर्यवंशी ने बताया कि प्रोजेक्ट समाप्ति के पश्चात स्टार्टअप स्टार्ट करने के लिए उन्हे पूरी सहायता दी जाएगी। अगर सौरभ अपना अध्ययन पूरा करने के पश्चात जॉब में आना चाहें तो उन्हें सहर्ष जॉब दिया जाएगा।
For more information interested person can visit www.globalfood.tech

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