Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
लोकसभा ने भारतीय मोटर व्हीकल एक्ट पारित कर दिया है । जिसमे जुर्माना इतना ज्यादा कर दिया गया है कि दूसरे बार गलती करने के बारे मे आदमी दस बार सोचेगा । वही नाबालिग बच्चे गाड़ी चलाते पकड़ा गये तो पच्चीस हजार रुपये जुर्माना व अभिभावक को तीन साल की सजा मुकर्रर की गई है । इन सब जुर्मानो से लोग संतुष्ट भी होंगे कि कम से कम दुर्घटना होगी । पर इनमे सबसे ज्यादा आपत्ति आम लोगो को है वो है साठ साल के लोगो के उपर ड्राइविंग पर बंदिश । यह काफी आपत्तिजनक है । आज के युग मे शाहरुख खान, सलमान खान, आमिर खान पचपन के उपर होने के बाद भी हीरो के रोल मे आ रहे है वही उनसे मात्र पांच साल बड़े लोगो को नीतिन गडकरी द्वारा सुनियोजित तरीके से घर बैठाने की कोशिश की जा रही है । क्या कारण है एक भले चंगे आदमी को अपाहिज बनाया जा रहा है । जब आदमी सेवानिवृत्त हो जाता है तो आर्थिक रूप से वैसे भी कमजोर हो जाता है । इसके बाद भी वो अपने काम स्वंय करना चाहता है जिससे वो शारीरिक रूप से फिट रह सके । ऐसे हालात मे इस तरह के एक्ट से उस पर मानसिक रूप से वृद्ध होने का दबाव बनाया जायेगा । वही कही भी जाने के लिए दूसरे पर निर्भरता बढ जायेगी । या फिर किराये की गाड़ी मे उसको अपना काम निकालना पड़ेगा । जो उसकी जेब उसे स्वीकार नही करेगी । अब वो निर्धन परिवार जिसका परिवार चलाने वाला साठ से उपर हो उनके उपर आसमान ही टूट पड़ेगा । कुछ ऐसे भी लोग है जो सेवानिवृत्त होने के बाद थोड़ा सा आर्थिक रूप से निश्चिंत होने के बाद चार चक्के के शौक पूरा करना चाहते है । ऐसे मे उनके सपने नेस्तनाबूद हो जाऐंगे । अगर किसी को छोटे मोटे काम के लिए स्कूटर से जाना है या आसपास जाना है तो किसके उपर आश्रित रहेंगे ? जब कोई साठ साल का सामान्य आदमी कार नही चला सकता तो उसके उपर बैठे लोग जो राजनीति कर देश चला रहे है उन्हे भी सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए । वैसे भी आज के आधुनिक युग मे साठ साल का नौजवान जीन्स पहनता है । कुछ नामचीन लोगो ने तो साठ छोडो सत्तर मे विवाह किया हुआ है । कुल मिलाकर आप किसी के काम न करने की लक्ष्मण रेखा बांध नही सकते । कुछ लोग शारीरिक कमजोरी के चलते युवावस्था मे ही वृद्ध लगने लगते है तो कुछ आपको देखकर आपकी उम्र का अहसास नही होता । परिवहन मंत्री गडकरी से गुजारिश है ऐसे अतार्किक नियम बनाने से बचे अन्यथा ना सिर्फ गडकरी उसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे । आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या, और कार व दुपहिया वाहन न चलाने के कारण आटोमोबाइल इंडस्ट्री मे मंदी सामान्य सी बात है । सबसे दुर्भाग्य पूर्ण बात एक भले चंगे आदमी को जहां अपाहिज बनाने और परिवार पर बोझ बनाने का षडयंत्र कहा जाए तो अतिशयोक्ति भी नही ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)
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