स्वतंत्रता आंदोलन भारत के स्व को जागृत करने का आंदोलन था
अमृत महोत्सव में अज्ञात सेनानियों का जीवन समाज के समक्ष लाने का प्रयास।
Positive India:Raipur:
भारत का स्वतंत्रता आंदोलन विश्व में विशिष्ट रहा है, सबसे लंबे समय तक चला है. आंदोलन में देश की एकात्मता प्रकट हुई. दत्तात्रेय होसबाले ने प्रकाश डाला की स्वतंत्रता आंदोलन केवल अंग्रेजों के खिलाफ नहीं था, अपितु भारत के ‘स्व’ का आंदोलन था. इसलिए स्वदेशी आंदोलन उसमें जुड़ गया, स्व-भाषा, स्व-संस्कृति का आंदोलन जुड़ गया. इसलिए भारत के ‘स्व’ का अर्थ अंग्रेजों को यहां से भगाना चाहिए, इतना ही नहीं था. भारत की आत्मा को जागृत करने का था, इसके लिए स्वामी विवेकानंद सहित अनेक हस्तियों ने कार्य किया. साथ ही इस अवसर पर वर्तमान पीढ़ी को संकल्प लेना चाहिए कि हम भारत को हर क्षेत्र में दुनिया में उत्कृष्ट बनाने के लिए कार्य करेंगे.