Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
स्वच्छता अभियान के तहत पुनः लोकसभा अध्यक्ष व अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने संसद परिसर मे झाडू लगाकर देश को संदेश दिया । दुर्भाग्य से इस तरह के आयोजन सिर्फ खानापूर्ति के सिवाय कुछ नही है । मीडिया के सामने बने रहने वाला आयोजन कभी भी जनता के दिल को नही छूता । यही कारण है कि मीडिया मे आए इस तरह के आयोजन से लगने लगता है कि यह काम सफाई से ज्यादा चर्चा मे बने रहने के लिए है । जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बार इस तरह के आयोजन मे भाग लिया और मैसेज दिया तो सभी सेलिब्रिटीयो ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया । पर जो परिणाम जमीन मे दिखने चाहिए वो कही भी नही दिखता । क्या कारण है कि उसके बाद किसी भी सेलिब्रिटी के हाथ मे झाडू नही दिखा ।
जिस व्यक्ति को इसका जुनून रहता है उसको जब भी समय मिलता है ,स्वच्छता अभियान मे खाद डालने का काम जरूर करता । कई बार तो ऐसा लगता है कि ऐसे लोग उस समय भी इसलिए हिस्सा लिये ताकि सफाई से ज्यादा वो पी एम की निगाह मे आ जाऐ ।
वैसे स्वच्छता अभियान मे शासन ने अपने स्तर पर अच्छा काम किया है । कम से कम घर घर जाकर कचरा उठाने का काम सराहनीय है । वही हर घर मे डस्टबिन देकर नियमित कचरा लेने आना बहुत बड़ा काम है । पर मेरे को लगता है अभी भी इसमे काफी काम करने की गुंजाइश है । सबसे महत्वपूर्ण इस पर नियंत्रण करना है तो राजस्व नुकसान को नजरअंदाज करते हुए गुटखा पर प्रतिबंध बहुत ही जरूरी है । इस गुटखा ने पूरे देश की दीवार का रंग कत्था और लाल कर दिया है । इसका उपयोग करने वाले इतने बदतमीज होते है कि गुटखा खाकर थूकने की तमीज तक नही होती । चलते बस मे, टू व्हीलर मे थूकना आम है । इसके कारण कई बार झगड़े भी होते है । इसके दुष्प्रभाव मे मुहँ का, गले का कैंसर आम है । अगर सरकार स्वच्छता के मामले मे सही मे गंभीर है तो इस तरह के प्रतीकात्मक संदेश देने के बदले गुटखा मे पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दे । ऐसा करने से स्वच्छता अभियान को सदृढता मिलेगी । स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा; अन्यथा इस तरह के अभियान मे संदेह की गुंजाइश तो रहेगी । यह काम जनता के लिए है, इसलिए इसमे विपक्ष का भी सहयोग आसानी से मिलेगा । उम्मीद है यह काम बगैर बजट और राशि से होने वाले कानून को लाकर, सरकार अपने स्वच्छता के उद्देश्य मे सफल होंगी ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)