पाकिस्तानी घुसपैठियों के लिए विपक्षी दलों ने भारत को हिंसा में झोंका
विपक्षी पार्टियां भारत को तोड़ने पर आमादा हैं ताकि वे अपनी राजनैतिक जमीन तलाश सके।
Positive India:Purshottam Mishra:
पाकिस्तानी घुसपैठियों के लिए विपक्षियों ने भारत को हिंसा में झोक दिया है। नागरिकता कानून विपक्षी दलों को पच नहीं रहा है। ऐसा बिल्कुल नहीं है, उन्हें बिल्कुल पच रहा है, परंतु मुसलमानों को गुमराह करके, उन्हें बरगला कर, भारत के विपक्षी दल अपनी जमीन तलाश रहे हैं; और इसी के चक्कर में भारत में आग लगा रहे हैं। यह विपक्षी दल 2019 के चुनाव में अपनी जमीन खो चुके हैं। उन्हें अच्छे से मालूम है कि 2024 तक नरेंद्र मोदी सरकार को कोई हिला नहीं सकता। पर उसके बाद क्या?
विपक्षी दलों को अच्छे से मालूम है कि यह नागरिकता कानून नागरिकता देने का है ना की नागरिकता वापस लेने का। भारत में रह रहे मुसलमानों को भी यह मालूम है कि यह नागरिकता कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान से आए हुए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने का है। इस नागरिकता कानून में सिर्फ यही है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफ़ग़ानिस्तान से आए हुए मुसलमानों को, जो कि वहां पर प्रताड़ित नहीं होते हैं, और वहां पर बहुसंख्यक हैं, उन्हें नागरिकता नहीं दी जाएगी। परंतु ऐसा भी नहीं है अगर कोई पाकिस्तानी वहां से आता है और नागरिकता मांगता है, उसे नागरिकता भारत ने पहले भी दी है, अभी भी पिछले 5 सालों में भी दी गई है। उसके बाद भी विपक्षी दल इस बात पर अड़ा हुआ है कि पाकिस्तान के जितने भी घुसपैठिये मुसलमान यहां पर आए हैं उन्हें नागरिकता दे दी जाए।
यह कैसी विडंबना है कि कुछ मुट्ठी भर लोग, जो सड़कों पर उतर रहे हैं, तथा सरेआम गाड़ियों को आग लगा रहे हैं, पब्लिक प्रॉपर्टी को तोड़फोड़ रहे हैं, हिंसा फैला रहे हैं और ये विपक्षी दल उनकी हिमायत कर रहे हैं।
घुसपैठियों को सबसे अधिक झेलने वाला राज्य आसाम तथा पूर्वोत्तर के अन्य राज्य हैं वहां से हिंसा स्टार्ट हुई तथा खत्म भी हो गई। दूसरे किसी भी राज्य में घुसपैठियों की समस्या नहीं है; उसके बावजूद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, तथा अन्य वामपंथी पार्टियों ने उत्तर प्रदेश में दंगे भड़का दिए। उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे शहरों में नमाज पढ़ने के बाद नाबालिक बच्चों के हाथ में पत्थर पकड़ा कर पत्थरबाजी की घटनाएं करा दी। यह एक जघन्य अपराध है, भारत के प्रति, भारत के संविधान के प्रति, उन्हें सजा अवश्य मिलनी चाहिए।
यह सब विपक्षी पार्टियां भारत को तोड़ने पर आमादा हैं,वो भी सिर्फ इसलिए ताकि वह अपनी राजनैतिक जमीन तलाश सके। यह भारत देश के साथ घोर अन्याय है, इस अन्याय के प्रति आवाज उठाना हर भारतवासी का कर्तव्य है।
जम्मू और कश्मीर से धारा 370 खत्म करके, इसे भारत में समावेश करके मोदी सरकार तथा अमित शाह ने एक अहम कदम उठाया। विपक्ष को पूरा विश्वास था की धारा 370 खत्म हुआ कि पूरा देश जल जाएगा; विपक्षी इसी ताक में बैठे थे,पर, सब कुछ शांति से हो गया। यही सबसे बड़ी पीड़ा विपक्षियों की रही कि धारा 370 के पास होने के बाद भारत में बड़े स्तर पर हिंसा क्यों नहीं हुई; भारत के मुसलमान खड़े क्यों नहीं हुए।
जब इन विपक्षी दलों को कुछ नहीं मिला तो उन्होंने नागरिकता कानून की आड़ में मुसलमानों को भड़काना तथा बरगलाना चालू कर दिया और यह सिध्द करने पर तुल गए हैं की नागरिकता कानून भारत के मुसलमानों के खिलाफ है। यह एक जघन्य अपराध है इस अपराध को रोकना होगा, इसके प्रति आवाज उठानी होगी।