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दिल्ली मे किसानो के नाम पर उत्पाती समूह के बढ़े मनोबल के पीछे पांच बड़े कारण

तथाकथित किसान आँदोलन देश को बदनाम करने साथ उसकी अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने की गहरी साजिश है।

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So Called Farmers at Singhu Borders
Positive India:Ajit Singh;29 Jan 2021:
दिल्ली मे किसानो के नाम पर उत्पाती समूह के बढ़े मनोबल के पीछे पांच बड़े कारण हैं…!!
पहला तो यह है कि ये कत्तई किसान नही है बल्कि इसमे खालिस्तान की सोच रखने वाले आतंकी,लाल सलाम के नक्सली और हरे टिड्डे शामिल हैं।

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दूसरा……इनको कांग्रेस,केजरीवाल,सिक्ख फॉर जस्टिस नामक संगठन और कम्युनिस्टों ने बुलाया और इनके रहने खाने की व्यवस्था की…इसमे वेश बदल कर जेहादी टिड्डे रोटी सेंक रहे हैं….!

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तीसरा……इनको कांग्रेस,कम्युनिस्ट,आपिये,खालिस्तानिओं,जेहादियों ने खुल कर समर्थन किया………….!

चौथा……..इनका मूल कैडर वामपंथियों ने बनाया ही नही वरन् इन्हें ट्रेनिंग भी दी……..तभी बख्तरबंद ट्रैक्टरों को निर्मित करके,उसके बल पर किया गया उपद्रवी मार्च और लाल किले की अक्षम्य घटना कारित किया गया…!

पांचवा…….इन्हें बौद्धिक सपोर्ट..अर्बन नक्सली और जेहादी पत्रकारों ने दिया और लगातार दे भी रहें हैं…!!

ये सब पिछले सात साल से राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के जागरण से विक्षिप्त हो चुके हैं…..इन सबकी दुकाने बंद हो चुकी हैं…इन्हे इनका भविष्य भयाक्रांत कर रहा है…इसलिये ये सब मिल कर किसान बिल की ओट मे मोदी सरकार का विरोेध करने के बहाने देश मे चिंगारी से ज्वाला बनती जा रही सनातन राष्ट्रवाद की लौ को बुझा कर फिर उसी गबन,घपले,घोटाले,बम विस्फोटों,धर्मांतरण से भरे काले अँधकार युग मे ढ़केलना चाहते हैं….तभी तो २६ जनवरी को किये गये कायर उपद्रव पर शर्मिंदा हो कर क्षमा मांगने की जगह,आज राकेश टिकैत के मगरमच्छी आँसू को समर्थन देने के लिये केजरीवाल,मनीष सिसौदिया,संजय सिंह,जयंत चौधरी के साथ राहुल,प्रियंका जैसे पिटे मोहरे मुखौटा उतार कर अपने असली चेहरे पर छप चुके शिखंडित्व के चिन्ह को प्रमाण स्वरूप दिखा रहे हैं………!!

दरअसल यही लोग इस आंदोलन के असली सूत्रधार हैं….जिनका मानना था कि २६ जनवरी की घटना के बाद इन्हे नोचने के लिये दिल्ली की सड़कों पर लाशों,हड्डियों का ढ़ेर मिल जायेगा….जिसके बाद इनका और इनकी प्री पेड रूदालिया पूरी दुनिया मे मोदी को बदनाम कर देंगी….लेकिन जब ऐसा हुआ नही तो….इन बेचारे गिद्धों को सामने आना पड़ा…….बहरहाल, सत्ता के इन गिद्धों को अभी भी उम्मीद की कोई किरण शायद दिख रही है…तभी तो इनके ट्वीट्स,बयानो की बाढ़ के साथ टिकैत के मंच पर पहुंचने की होड़ लगी है…….!!

फिलहाल अभी ताजा खबर है कि असल किसानो के चले जाने के बाद आंदोलन के बहाने आग लगाने को आतुर बचे खुचे कथित किसानो के वेश मे बैठे खालिस्तानियों,कम्युनिस्टों,जेहादियों,आपियों और कांगियों तथा स्थानीय नागरिकों के बीच सड़क खाली करने को लेकर हुई बहस के दौरान सिंघु बार्डर पर कथित किसानो की तरफ से पत्थर और तलवारो से नागरिकों,पुलिस पर हमला करके साफ कर दिया कि इनका मकसद किसान बिल नही बल्कि देश को बदनाम करने साथ उसकी अस्मिता के साथ खिलवाड़ करना है….ये लोग हिंसा मे विश्वास करते हैं….इसलिये मेरा मानना है कि इन्हे इनकी ही भाषा मे जवाब देना चाहिये….तभी यह समझेंगे….रही बात जनता की तो….देश का जनमानस…इनकी असलियत समझ चुका है…और चाहता है कि इनको अब निर्ममता से कुचल दिया जाये…..!!
खैर अब कुछ देर बाद से ही आप गिद्धों और उनकी पेड़ रूदालियों द्वारा कथित पत्थरबाज और तलवारबाज किसानो को निरीह,निर्दोष बता कर विक्टिम कार्ड खेलने वाले एजेंडे पर रूदन करते देखने का सौभाग्य प्राप्त करने वाले हैं…..!!!

#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
लेखक:अजीत सिंह(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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