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नागरिकता संशोधन बिल पर भारत की पीठ में छुरा भोंकने पर अमादा विपक्षी दल

क्या भारत धर्मशाला है जिसमें जो भी चाहे मुँह उठाकर चला आए?

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Positive India:Purshottam Mishra:
नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास हो चुका है ।आज राज्यसभा में इस पर बहस है तथा राज्यसभा में इसे पास किया जाना है। विपक्षी दलों का जो रवैया है उससे तो यही प्रतीत होता है कि यह विपक्षी दल भारत की पीठ में छुरा भोंकने के लिए तैयार है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विपक्षी नेता मुस्लिम आबादी को नागरिकता देने के लिए पूर्ण रूप से अमादा है।

लगता है विपक्ष नेताओं ने अपनी आंख पर पट्टी बांध ली है, उन्हें दिखाई देना बंद हो गया है या फिर ऐसा कहें कि वोट बैंक की राजनीति में वे इस कदर अंधे हो गए हैं भारत के पीठ में छुरा घोंपने से भी नहीं गुरेज कर रहे हैं।

1947 में पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 15% थी और 1998 में यह घटकर 1.6% हो गई। आखिर यह हिंदू कहां पर है? विपक्षी नेता इस पर बहस क्यों नहीं करते हैं। वही हाल बांग्लादेश का है 1951 में हिंदुओं की आबादी 22% थी और 2011 में घटकर मात्र 9.5% रह गई। अफगानिस्तान की बात करें तो 1970 में 7,70000 हिंदुओं की आबादी थी और 2017 में घटकर मात्र 7000 रह गई और 2019 में सिर्फ़ गिने-चुने 500 हिंदू और सिख रह गए हैं। कहां गए यह लाखों लोग? क्या उनका कत्ल कर दिया गया या उनका सामूहिक धर्मांतरण कर दिया गया? इसके बारे में कौन सोचेगा, कौन बहस करेगा?
पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थी 99 प्रतिशत हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध दलित कम्युनिटी से संबंध रखते हैं। नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करके यह विपक्षी पार्टियां यही साबित कर रही हैं कि भारत विरोधी तो वह है ही, दलित विरोधी भी हैं।
क्या भारत धर्मशाला है जिसमें जो भी चाहे मुँह उठाकर चला आए और भारत में रहने लग जाए, यहां की नागरिकता प्राप्त कर ले और फिर भारत माता की छाती पर मूंग दले। कैसी सोच है हमारे नेताओं की? विपक्षी नेता इतना चिल्ल पो इसलिए कर रहे हैं ताकि मुसलमानों को नागरिकता दे दी जाए। दुनिया भर में 50 मुस्लिम देश हैं और जहां जहां इनकी सरकारें हैं वहां वहां मुस्लिम कानून लागू है। उसके बाद उन्हें हिंदुस्तान ही क्यों सूझ रहा है आने के लिए? हमारे पड़ोसी बांग्लादेश,पाकिस्तान अफगानिस्तान मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। जहां मुसलमानों का शोषण नहीं होता। फिर यह भारत में क्यों आना चाहते हैं?
विपक्षी नेता भारत की जनता को गुमराह करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। अलग अलग तरीके से उन्हें बरगलाया जा रहा है; ताकि कैसे भी इस बिल को पास होने से रोका जा सके और भारत को एक सराय में तब्दील कर दिया जाए। यह कैसी ओछी राजनीति है और फिर दोष दे रहे हैं नरेंद्र मोदी सरकार को,गृह मंत्री अमित शाह को। लोकसभा में अमित शाह ने एक एक प्रश्न का उत्तर दिया है तथा हर चीज को पूरा क्लियर किया है फिर भी विपक्षी नेता छाती पीटने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब भारत की जनता जागरूक हो गई है अब बहकावे में लोग नहीं आने वाले। सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल भारत के हित में है और इसे पास ही होना चाहिए।

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