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जयश्रीराम जयघोष के विरोधियों को इस सवाल से नंगा करिये

तथाकथित सेक्युलर लिबरल ने "जयश्रीराम" को "WAR CRY" अर्थात युद्धघोष क्यों घोषित किया?

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Positive India:Satish Chandra Mishra:
पूरे देश के सियासी मीडियाई सेक्युलरों लिबरलों को वर्षों से एक राग अलापते हुए हम आप समेत पूरा देश देख रहा हैं। उनका राग यह है कि… “जयश्रीराम के जयघोष का उपयोग BJP क्योंकि राजनीतिक मंचों पर अपने राजनीतिक फायदे के लिए करती है इसलिए हमें ‘जयश्रीराम” के नारे से ऐतराज है, इसलिए हम “जयश्रीराम” नही बोलेंगे।” आजकल बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में यह राग जोरशोर से खूब अलापा जा रहा है। लुटियन नस्ल के सियासी मीडियाई सेक्युलर लिबरल तो “जयश्रीराम” को “WAR CRY” अर्थात युद्धघोष घोषित कर चुके हैं।
सियासी मीडियाई सेक्युलरों लिबरलों के उपरोक्त तर्क को ही यदि सही मान लिया जाए तो फिर सियासी मीडियाई सेक्युलरों लिबरलों का यह तर्क सब पर लागू क्यों नहीं होता.? उनका यह तर्क केवल हिन्दूओं और उनके आराध्य प्रभु श्रीराम के जयघोष “जयश्रीराम” पर ही क्यों लागू होता है.?-
सियासी मीडियाई सेक्युलरों लिबरलों और उनके चारण चाकर चाटूकारों को यदि उपरोक्त प्रश्न का अर्थ ना समझ में आया हो तो प्रश्न को और अधिक सरल और स्पष्ट किए देता हूं।
केवल भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान बांग्लादेश श्रीलंका ब्रिटेन फ्रांस अमेरिका ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड स्पेन स्वीडन ऑस्ट्रिया सरीखे अनेक देशों में अब तक हुईं सैकड़ों आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले हजारों आतंकवादियों ने जब भी किसी आतंकी घटना को अंजाम दिया, निर्दोष नागरिकों का कत्लेआम किया तो ऐसा करते समय उन्हें “अल्लाह ओ अकबर” का नारा लगाते हुए देखा सुना गया है। इसके हजारों प्रमाण भारत समेत पूरी दुनिया में मौजूद हैं। अतः सियासी मीडियाई सेक्युलर लिबरल कभी यह क्यों नहीं कहते कि “अल्लाह ओ अकबर” का नारा आतंकवादी लगाते हैं। इसलिए हमें इस नारे से ऐतराज है। हम “अल्लाह ओ अकबर” नहीं बोलेंगे.?
एक राजनीतिक दल द्वारा “जयश्रीराम” का जयघोष करने के कारण “जयश्रीराम” के जयघोष को आपत्तिजनक कहने मानने वाले सियासी मीडियाई सेक्युलरों लिबरलों को हर आतंकवादी द्वारा पूरी दुनिया में लगाए जाने के कारण ‘अल्लाह ओ अकबर” का नारा आपत्तिजनक क्यों नहीं लगता.? सियासी मीडियाई सेक्युलर लिबरल.उसे बोलने से परहेज क्यों नहीं करते.?
जयश्रीराम के जयघोष को राजनीतिक नकाब पहना कर उसका विरोध करने की रणनीति दरअसल मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का विरोध करना है। हिन्दुत्व का विरोध करना है।
इसीलिए जयश्रीराम” जयघोष के विरोधियों को अपने इस सवाल से नंगा करिये और उनसे पूछिये कि आतंकवादी द्वारा कत्लेआम करते समय लगाए जाने वाले नारे “अल्लाह ओ अकबर” का विरोध कब करेंगे वो.?
साभार-सतीश चंद्र मिश्रा(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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