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जानिए #गजवा_ए_हिंद के रणनीतिकारों की पहली पसंद

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Positive India:Ajit Singh:
बंगाल की वर्तमान परिस्थितियों,जेहादन के बढ़े मनोबल और उसकी भाषा,उसकी खीझ को देख कर साफ साफ समझ मे आ जाता है कि #गजवा_ए_हिंद के रणनीतिकारों की पहली पसंद कांग्रेस नही बल्कि जेहादन बनर्जी क्यों है..??

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जेहादन मे उन्हे कांग्रेस की घिर चुकी फिरंगन के मुकाबले ज्यादा संभावनाये दिख रही है…….आप सब यह सुन कर चौंक गये होंगे…!!

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लेकिन यही सत्य है और यही कारण है..नमाजी बन चुकी #जेहादन_के_तिलमिलाने का….जब गजवा की साजिश अपने अंतिम दौर मे पहुच चुकी थी……जब बंगाल को लगभग अंजाम तक पहुंचाया जा चुका था…..तभी अचानक जनता के अंतर्मन मे जागरण के कारण मोदी का अवतरण हुआ……..इसी के साथ गजवा की षडयंत्र नलिकाओं से प्रवाहित राष्ट्र और धर्म द्रोही विचारधारा और उसके दम पर पल रहे भविष्य के हरे हरे सपने….सब के सब मिट्टी मे मिल गये…..सब तबाह हो गया……यही मुख्य कारण है देशी विदेशी तंजीमो के साथ उनकी एजेंट बन चुकी जेहादन का मोदी से घृणा करने का……!!

इसे विस्तार से समझने के लिये आप मे धैर्य भी होना चाहिये और सबसे पहले सरदार पटेल को समझना और पढ़ना पड़ेगा….कि कैसे उनके द्वारा देश की 500 से ज्यादा रियासतों को उन्होने क्यों और किस तरह भारत का अंग बनाने मे सफलता पाई….यहां तक की उन्होने नेहरू के घोर विरोध को भी नजर अंदाज अपने कितने मजबूत आत्मबल से किया……सरदार पटेल का वो कदम ही भारत को भारत बना सका….अन्यथा नेहरू की चली होती तो भारत नाम का देश तो विश्व मानचित्र से 1947 मे ही विलुप्त हो चुका होता……………और आज जिस देश मे हम रह रहे हैं वो पांच सौ से अधिक छोटे छोटे देशों की एक भीड़ बन कर अब तक इस्लाम की हरी आँधी का शिकार हो चुका होता…..जैसा कि मुस्लिम लीग के कंधों पर चढ़ कर गजवा के रणनीतिकारों ने सोचा था ……(यही उनकी और दोगले पंजे वाले गिरोह के कटपीस पुरखों की साजिश थी,जिसे उस समय के पटेल जैसे देशभक्तों ने मिट्टी मे मिला दिया था )………लेकिन केवल सरदार पटेल ने भारतवर्ष का अस्तित्व और सनातन की लाज रख ली थी…..रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपनी ऐतिहासिक किताब #संस्कृति_के_चार_अध्याय मे इसे स्पष्ट किया है…..वास्तव मे सरदार पटेल की तो पूजा होनी चाहिये….लेकिन नेहरू को महिमामंडित करने वाले विकृत बौद्धिको ने चंद कटोरी मलाई की लालच मे लौह पुरूष को भुला कर निहुर निहुर कर नेहरू का गुणगान किया…..!!

सरदार पटेल के निधन के बाद गजवा की साजिश ढके झिपे चलती रही…..फिर प्रारम्भ हुआ गजवा ए हिंद का पार्ट 2….जिसको जानने और समझने के लिये आपको करीब 45-50 साल पीछे जाना पड़ेगा……जब 1971 मे बांग्लादेश पैदा हुआ……बांग्लादेश के नाम पर एक अलग देश जरूर बन गया था लेकिन जल्दी ही वो भी इस्लाम को सर्वश्रेष्ठ धर्म मान कर एक तरफा धार्मिक तकरीर देने वाले मुल्लाओं और मौलवियों का मनपसंद गढ़ बन कर रह गया…..फिर प्रारम्भ हुआ एक सोची समझी रणनीति के तहत घुसपैठ के नाम पर इस्लामी लडाकाओं को भारत पहुंचा कर वहां के आम जनमानस मे घुल मिल जाने की साजिश को पूरी करने की…..मतलब एकतरफ पाकिस्तान से आतंकियों को भेज कर गजवा की टेस्टिंग भी होती रही और दूसरी तरफ बंग्लादेश से घुसपैठ करा कर अंदर ही अंदर मजबूती भी दी जाती रही….ये सब तब से लेकर 2014 तक निरंकुश होकर मनमाने तरीके से चलता रहा….इस बीच न कोई सरदार पटेल हुआ और न ही कोई सावरकर…..इस साजिश से अगर लड़ कर उसे मुंहतोड जवाब कोई दे रहा था तो वो केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ था….जिसने गजवा के हर बढ़ते कदम के बीच मे राष्ट्रवाद की लंगी मारी…..उनकी हर साजिश को संघ ने विफल किया…..लेकिन देश की जनता तो गंगा जमुनी तहजीब और भाईचारा का पेय पी कर सहिष्णुता की गहरी नींद मे सो रही थी…..वो तब जागी जब कांग्रेस के तुष्टीकरण से उसका अपना गला फंसने लगा….और मोदी नाम का दैदीप्यमान सनातन सूर्य के तेज से उनकी आंखे चिलमिला कर खुलने लगी….ऊपर से सोशल मीडिया नाम का घातक राष्ट्रवादी हथियार भी राष्ट्रभक्तों के हाथ मे आ चुका था,जिसने भी राष्ट्रवाद का छींटा मारना शुरू किया..तब देश के बहुसंख्यक समाज को समझ आया कि बात बहुत बढ़ चुकी है,अब खडा न हुआ गया तो अस्तित्व ही बचाना मुश्किल है…यही से राष्ट्रप्रेम की एक प्रचंड विचारधारा का मोदीवाद नाम से जन्म हुआ….जो अब धीरे धीरे शिखर पर पहुंच रही है….विधर्मी समझ चुके है कि इस कार्यकाल मे मोदी देश और देश की संस्थाओं को सशक्त करने के साथ देश के जनमानस की मानसिकता को इतना मजबूत कर देंगे कि देश मे गजवा की साजिश अपने ही खोल मे दम तोड़ देगी….इसी लिये मोदी और संघ से राष्ट्रद्रोही घृणा की हद तक विरोध करते है …!!

गजवा एक दूषित ही नही सनातन राष्ट्रवाद की घोर विरोधी सोच ही नही बल्कि घिनौनी मानसिकता है…इसका हथियार है कोरोना की तरह कई रूपो मे बदलता जेहाद….जिसके बुर्के मे छिपे जाने कितने चेहरे है….कहने का मतलब है कि गजवा की सोच मन मे रखने वाला किसी भी रूप मे और कोई भी तरीका अपना कर महमदियों और काफिरो के बीच मे फर्क पैदा कर सकता है….लव जेहाद भी उसी गजवा का हिंदुस्थान मे सर्वाधिक सफल हथियार है…दुर्भाग्य से लव जेहाद मे मददगीर हमारे घरो मे समाप्त होते जा रहे सनातन संस्कार और अपने बीच बैठे कुछ नासमझ हिंदू ही होते हैं…..समझिये इस घातक साजिश को,बचिये और बचाइये अपनो को…..और एकजुट हो कर प्रचंड जवाब दीजिये गजवा के रूप बदलते भेड़ियों को….!!

फिलहाल कई दिनो से मेरे मन मे एक बात उथल पुथल मचा रही थी,जिसे मै कहना चाहता हूं…उम्र की हाफ सेंचुरी लगा चुका हूं और अभी तक जितना मैने पढ़ा है,जितना चेतन अचेतन होकर मैने सोचा है,जितना मैने देखा है…..उस आधार पर मै कह सकता हूं कि राष्ट्रभक्त सनातनियों ने एकजुट होकर 2014 मे मोदी को चुन कर देश और धर्म के दुश्मनो के निर्णायक स्थिति मे पहुंच चुके घातक कदमो को,उनकी कुटिल और क्रूर साजिशों को,उनके कपटी मनोबल पर लगाम जरूर लगा दिया था….लेकिन 2019 मे मोदी की प्रचंड वापसी करा कर आपने उन असुरों के षडयंत्र की लंका मे आग लगा दिया है….उन्हे खून के आँसू रोने पर मजबूर कर दिया आपने……ध्वस्त कर दिया शुक्राचार्य के वंशजो के महमदी सपनो को….अपने अंदर बैठे एक भारतीय की मुखरता को मौन मत होने दीजियेगा…क्योंकि गजवा के अब्बुओं और अम्मियों ने आपके जागरूक होने के कारण जबरदस्त चोट खाकर अपने गेम प्लान को बदल दिया है….अभी शांत होकर अंदर अंदर अपने को मजबूत करने की रणनीति पर चल रहे हैं….इन्हे हमेशा के लिये नष्ट करना है तो देश मे #जनसंख्या_नियंत्रण_कानून का लागू होना जरूरी है…अपनी ऊर्जा और समय इस कानून को पास कराने मे लगाइये…..!

अपनी बात समाप्त करने से पहले कहूंगा कि राष्ट्र और धर्म के शत्रुओं का आपने नख,दंत और रीढ़ जरूर तोड़ा है….लेकिन उनमे अभी सांसे बाकी है……इसलिये निवेदन है कि जब तक दूसरा मोदी न तैयार हो जाये तब तक इस 56″ सीने वाले मोदी पर अविश्वास मत कीजियेगा….क्योंकि असुरो के पास जाने कितने मायावी मुखौटे और छल छंद हैं लेकिन आपके पास देश के नाम पर हिंदुस्थान और नेता के नाम पर मोदी के सिवा और कोई नही है…..बाकी आप जाने क्योंकि आपके ही निर्णय पर टिका है आपके धर्म,आपके राष्ट्र के साथ आपका भविष्य…..हां एक बात और जान लीजिये…हमारी भावनाओं का दोहन और राष्ट्रीय अस्मिता के साथ खेल करने वाले दोगले वंशवादी कुनबे….जब आमने सामने के युद्ध मे बार बार पराजित हो गये तो उन्होने अब छलावा को हथियार बनाया है…फेक न्यूज,फेक वीडियोज,फेक बयान और काट पीट कर कई झूठी खबरे वायरल करके आपको बहकाना चाहते हैं…जिससे आप पहले तो जाति संघर्ष मे फंसे..फिर क्षेत्र वाद के मायाजाल के शिकार बने…और कुछ नही तो अगड़े पिछड़े वाला उनका दांव तो बचा ही है जिसका प्रयोग करके वो देश को फिर राजतंत्र की ओर ले जाकर न केवल एक बार फिर सत्ता की मलाई चाटना चाहते हैं..बल्कि इस बार आने के बाद वो ऐसी व्यवस्था करना चाहते हैं कि सनातनी रक्त खौलने से पहले हजार बार सोचने लगे….अब आप जानिये…और आपका काम…बाकी मुझे जो सूझा,बिना लाग लपेट के बता दिया…जय राम जी की!!

“सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते!”
“विघ्नों को गले लगाते है
काँटों में अपनी राह बनाते है!”

#वन्देमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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