क्या ज्युडिशियल नेक्सस ने इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला जानबूझकर ’24 लोकसभा चुनाव से पहले लाया है?
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
सुप्रीम कोर्ट में बैठे ज्युडिशियल नेक्सस को भी पता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर मामला बनाना मोदी राजनीति के खिलाफ बहुत बड़ा झटका साबित होगा। इसलिए इस मुद्दे को जानबूझकर ’24 लोकसभा चुनाव से पहले लाया गया है, क्योंकि 400 पार के नारे को सहन कर लेना किसी भी नेक्सस के लिए आसान नहीं है। इसलिए हर हाल में स्टेट बैंक आफ इंडिया को कोई भी मोहलत देने से मना कर दिया गया।
ज्यूडिशियल नेक्सस को इलेक्टरल बॉन्ड पर मामले को बदतर बनाना बहुत रोचक लग रहा और एक मात्र मुद्दा है जिस पर नहीं चाहते हुए भी मीडिया का कोई भी तबका हो, उसे चर्चा करनी ही पड़ेगी। मामला भले चुनावी पारदर्शिता को लेकर कोर्ट के पहल का है, लेकिन असल में यह मोदी वर्सेस नेक्सस का मामला है।
एक स्टेप नेक्सस का, एक स्टेप मोदी का। आज सुप्रीम कोर्ट का एसबीआई के द्वारा मांगे गए मोहलत के खिलाफ जो डिसीजन आया है, आज का प्राइम टाइम पूरी तरह से मोदी राजनीति के खिलाफ जाने वाला था। न्यायपालिका में बैठे नेक्सस के तमाम सूरमा आज के अदालती डिसीजन का पत्ता फेंक कर मोदी राजनीति की छटपटाहट देखना चाहते थे।
लेकिन मोदी की राजनीति इतनी सस्ती होती तो आज वे एक चाय बेचने वाली शख्सियत से उठकर दिल्ली की गद्दी तक कदापि न पहुंच पाते। मोदी जी ने CAA का नोटिफिकेशन इंट्रोड्यूस कर दिया और एक झटके में सारे प्राइम टाइम की बहस बदल गई। बस देखना तो यह दिलचस्प है कि ’24 चुनाव होने से पहले कौन-कौन से नेक्सस के पत्ते चले जाते हैं और मोदी जी उसका कैसे काउंटर देते हैं।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)