एकनाथ शिंदे की हालत उद्धव ठाकरे से भी बुरी हो सकती है
-दयानंद पांडेय की कलम से -
Positive India: Dayanand Pandey:
स्थितियां अगर यही रहीं तो एकनाथ शिंदे की हालत उद्धव ठाकरे से भी बुरी हो सकती है। सच को जैसे उद्धव ठाकरे नहीं स्वीकार कर पाए थे , एकनाथ शिंदे भी स्वीकार नहीं कर पा रहे।
मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहों की उन की ज़िद अब सनक में तब्दील है। वह नहीं समझ पा रहे मोदी का तीर और उस का निशाना। ढील दे कर पतंग काटने की मोदी की अदा को वह पता नहीं कैसे भूल गए हैं।
भाजपा के पास विकल्प बहुत हैं। शिंदे विकल्पहीन हैं। जनादेश ही कुछ ऐसा आया है। बिना भाजपा के महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं बनने वाली। शिंदे की सनक उन को ही उड़ा सकती है। सतारा का कोप भवन उन के काम नहीं आने वाला है।
साभार: दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)