दुर्ग विश्वविद्यालय में मनाया गया: स्व. श्री हेमचंद यादव विश्वविद्यालय का पांचवां स्थापना समारोह
कुलपति श्री वासनीकर ने कहा कि,शैक्षणिक विकास के साथ ही चरित्र निर्माण भी करें।
पॉजिटिव इंडिया :दुर्ग;
संभागायुक्त एवं स्व. श्री हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति श्री दिलीप वासनीकर ने पांचवे स्थापना समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय बहुत ही कम समय में अनेक उपलब्धि अर्जित की है। उन्होंने कहा कि दुर्ग विश्वविद्यालय की स्थापना के पूर्व, संभाग में संचालित महाविद्यालयों का नियंत्रण रायपुर स्थित पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से संचालित होता था। दुर्ग विश्वविद्यालय की स्थापना होने से संभाग के महाविद्यालयों के संचालन और विद्यार्थियों की सभी प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियां को संचालित करने की सुविधा मिली है।
संभागायुक्त एवं कुलपति श्री वासनीकर ने कहा कि अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को समय-समय पर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने दुर्ग विश्वविद्यालय में शैक्षणिक पाठ्यक्रमों, शोध, अनुसंधानों, परीक्षा कार्यक्रमों, अन्य महाविद्यालयों का विश्वविद्यालय में संबद्धता एवं सभी आवश्यक संसाधनों को आवश्यकतानुसार पूर्ति करने कहा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के समय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ समाज को संस्कारवान बनाए जाने की आवश्यकता है। चरित्र और संस्कारवान समाज से ही प्रदेश व देश का विकास संभव है। संस्कारित समाज से देश का चरित्र निर्माण होता है। इसके लिए उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ चरित्र निर्माण पर भी जोर दिया।
विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर कुल सचिव श्री सी.एल. देवांगन ने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर पांच साल की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों ने भी स्थापना दिवस के अवसर पर अब तक की उपलब्धियों से उपस्थित लोगों को अवगत कराया। इस अवसर पर उप कुल सचिव श्री कुलदीप, उप कुशल सचिव डॉ. राजमणी पटेल, सहायक कुल सचिव श्री सौरभ शर्मा, सहायक कुल सचिव श्री हिमांशु शेखर मण्डावी, सहायक कुल सचिव डॉ. सुमीत अग्रवाल, शासकीय वाणिज्य पाटणकर महिला महाविद्यालय के प्राचार्य श्री सुशीलचंद्र तिवारी, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.ए. सिद्धिकी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. निरजारानी पाठक, संचालक खेल एवं शारीरिक शिक्षा डॉ. ललित वर्मा, वित्त अधिकारी डॉ. ज्योत्सना शर्मा उपस्थित थीं।