www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

डा. संदीप दवे का सफ़रनामा

Ad 1

Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
आज मै किसी और विषय पर लिखने वाला था । पर मेरे मित्र अनिल पुसदकर ने संदीप के उपर लिखा । मुझे ऐसे लगा कि संदीप के दूसरे आयामो पर भी बात करू जिससे उसके व्यक्तित्व के दूसरे पहलू पर लोग अवगत हो सके । डा. संदीप दवे ने पहले अपने तीन साथियो मे डा.राजेश त्रिवेदी (नाक कान गला) और डा.त्रिभुवन जैन(अस्थि) रोग विशेषज्ञ के साथ छोटापारा मे चैंबर बनाया । शुरुआत के दिन हर के लिए संघर्ष के दिन रहते है । एक जनरल प्रेक्टिसनर के हैसियत से मै अभनपुर मे रहने के कारण मेरे इनसे प्रोफेशनल संबंध कब पारिवारिक हो गये पता भी नही चला । उस समय 102 और 108 की सुविधा नही थी, इसलिए कोई भी गंभीर अवस्था मे मरीज हमारे जैसे चिकित्सको के पास ही पहुंचते थे । इसके कारण मैने कई चिकित्सक विशेषज्ञो की नींद खराब की है । सर्जन होने के कारण संदीप से ज्यादातर पाला पड़ता था । जब वे अपने पुराने नर्सिंग होम के उद्घाटन का निमंत्रण देने अभनपुर आये थे, तो स्कूटर से एक्सीडेंट हुआ था, जिसमे उसे हल्की चोट भी आई थी । अपने धुन का पक्का इस बंदे ने सफलता की सीढ़ियां इतने जल्दी पा ली कि इसकी कल्पना करना मुश्किल है । फिर वो समय भी आ गया जब सर्जरी का पर्याय वाची शब्द ही संदीप हो गया । मुझे अच्छे से याद है मेरी आई को गाल ब्लाडर मे स्टोन की सर्जरी उसके पुराने नर्सिंग होम मे हुई थी । तो डिस्चार्ज होने के बावजूद बिल नही आया तो मैने संपर्क किया, तो मुझे पता चला कि संदीप ने मना किया हुआ था । बस इतना कहा, “मेरी भी आई है।” पर आज का रामकृष्ण हास्पिटल उस समय बन ही रहा था तभी इस नये प्रिमाइसेस के खर्चे का अंदाजा हो गया था और उसने मुझे कहा भी था, “सर, अब चाह कर भी अपनो के लिए भी कुछ नही कर पाऊंगा।”

Gatiman Ad Inside News Ad

नये जगह मे उसने छत्तीसगढ और उड़ीसा के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की सुविधा मुहैया करा दी । पता नही कितने गंभीर अवस्था मे आये लोग यहां से मुस्कुराते गये होंगे । कितना भी सीरियस पेशंट हो संदीप का मुस्कुराता चेहरा ही आधा ठीक कर देता था । इस हास्पिटल ने कितने युवा चिकित्सकों अपने प्रतिभा को निखारने का मौका दिया । निश्चित यह हास्पिटल छत्तीसगढ के लिए मील का पत्थर था, है और रहेगा । इस मील का पत्थर बनाने के लिए संदीप के साथ उनके सहयोगी चिकित्सकों का उतना ही बड़ा हाथ है ।

Naryana Health Ad

अभी कुछ समय से ये यहाँ की खबर समाचार पत्र का हिस्सा बन रही है । पर इससे हमे कोई लेना-देना नही है । पिछले साल जब संदीप की तबियत गंभीर हुई तो उसके ठीक होने के लिए हर वर्ग ने प्रार्थना की । आज इसी प्रार्थना का असर है कि पूर्व की तरह वो आज भी सेवायें दे रहे है । भविष्य की अनेक शुभकामना के साथ मेरे छोटे भाई के लिए इस क्षेत्र मे काम करने के लिए असीम संभावना है । मेरे मित्र अनिल पुसदकर को भी धन्यवाद जिसने मुझे अपनी लेखनी से मेरे भावनाओ को व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.