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डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री का पदभार संभाला

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Positive India:PIB Delhi
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज शास्त्री भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया। कार्यालय पहुंचने पर डॉ. पोखरियाल का स्वागत मंत्रालय में सचिव, उच्च शिक्षा, श्री आर. सुब्रमण्यम और सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता श्रीमती रीना राय और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।पदभार संभालने के बाद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्हें मंत्रालय की प्रमुख पहलों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर डॉ. पोखरियाल ने शिक्षा मानकों में उच्च गुणवत्ता, देश की जमीनी हकीकत के अनुरूप कार्यक्रम और नीतियां तैयार करने तथा शैक्षिक कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को मजबूती प्रदान करने पर जोर दिया। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आगे कहा कि निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाने और निचले स्तर से वास्तविक प्रतिक्रिया प्राप्त करने से हमारे कार्यक्रमों और नीतियों के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि केवल दृष्टि होना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उस दृष्टि को लागू करने के लिए जुनून होना भी महत्वपूर्ण है।
साठ वर्षीय डॉ. पोखरियाल उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से हैं। वर्तमान में, वह लोकसभा के हरिद्वार संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह 16वीं लोकसभा के भी सदस्य थे और उसी दौरान वह कई संसदीय समितियों में सदस्य भी रहे। वह राज्य की राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। वह तीन कार्यकाल (1991 – 1992 और 1993-2000) के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य थे। वह उत्तर प्रदेश सरकार में उत्तरांचल विकास मंत्री थे (1997 – 1998) और उत्तर प्रदेश सरकार में संस्कृति एवं धर्म मंत्री (1999 – 2000) भी रहे हैं।वह उत्तराखंड सरकार में कई प्रमुख विभागों के मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (अतिरिक्त प्रभार) के रूप में कार्य किया है।डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक कविताओं, कहानियों और उपन्यासों के लेखक हैं और उन्होंने विभिन्न पुस्तकों का 12 से अधिक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया है। वह भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों में ’निशंक’ साहित्य पर किए गए विभिन्न शोध कार्यों में शामिल रहे हैं तथा उनका लेखन भारतीय और विदेशी स्कूलों व विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है। उन्होंने इंटरनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी कोलंबो से डीएफसी और डी.लिट की मानद डिग्री प्राप्त की है। उन्हें कई अन्य विश्वविद्यालयों से भी पीएचडी और डी.लिट की मानद डिग्री प्राप्त हुई है। उन्हें मॉरीशस के सर्वोच्च साहित्य सम्मान “भारत गौरव सम्मान” से भी सम्मानित किया गया है।

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