डॉ. हर्षवर्धन ने सभी एम्स और केन्द्र सरकार के अस्पतालों के प्रमुखों के साथ ‘जन आन्दोलन’ और कोविड उपयुक्त व्यवहार पर बैठक की अध्यक्षता की
आने वाले त्यौहारों और शीतकाल के कारण कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में अगले ढाई महीने महत्वपूर्ण, जब तक एक वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, तब तक सामाजिक वैक्सीन (दूरी) का पालन करें
Positive India Delhi 15 October 2020
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज सभी एम्स और केंद्रीय अस्पतालों के प्रमुखों के साथ कोविड उचित व्यवहार पर “जन आन्दोलन” के अंतर्गत संचालित गतिविधियों की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक की अध्यक्षता की।
महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई में आगामी महीनों की गंभीरता का उल्लेख करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अब हम कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई के दसवें महीने में प्रवेश कर रहे हैं। 8 जनवरी को हमने विशेषज्ञ समूह की पहली बैठक की थी और तब से यह यात्रा अथक रूप से जारी है। लेकिन आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमने कोविड के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा तैयार किया है जिसमें 90 लाख से अधिक बेड, 12,000 से अधिक क्वारंटीन केंद्र और 1900 से अधिक लैब शामिल हैं। उन्होंने सभी योद्धाओं के अथक और समर्पित प्रयासों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए उन्हें सलाम किया और उन योद्धाओं की मृत्यु पर शोक जताया जिन्होंने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया।
उन्होंने कहा कि शीतकाल के आगामी दो-ढाई माह और त्यौहारों का मौसम होने के कारण कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में ये महीने हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने सुरक्षा कवच को कम न होने दे और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देश भर के लोगों से इस माह की 8 तारीख को प्रारंभ किए गए ‘जन आंदोलन’ के एक अंग के रूप में माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान का पालन करते हुए कोविड के संबंध में उचित व्यवहार अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस वायरस ने पूरी दुनिया पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, लेकिन सरल एहतियाती उपाय कोरोनोवायरस को काफी हद तक रोकने में कारगर हैं। विशेष रूप से सार्वजनिक स्थलों पर मास्क/फेस कवर पहनना और हाथ धोना और श्वसन शिष्टाचार का पालन करना ही सामाजिक वैक्सीन के प्रमुख सिद्धांत हैं। उन्होंने रोग की प्रभावी रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने सभी चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों से कहा कि देश में इस बीमारी के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने वाली सोशल दूरी रूपी वैक्सीन का महत्व सर्वाधिक हैं।
कोविड-19 खिलाफ भारत की लड़ाई का उल्लेख करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत कोविड के उपचार में लगातार नई उपलब्धियाँ दर्ज कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में रोगियों के स्वस्थ होने की दर दुनिया में सर्वाधिक है और मृत्यु दर विश्व में सबसे कम है। सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। माननीय प्रधानमंत्री के गतिशील मार्गदर्शन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कोविड-19 के प्रति अपनाई गई भागीदारी रणनीति के सभी मानकों ने इस सफलता को साबित किया है। हमने अपनी परीक्षण क्षमता को सफलतापूर्वक बढ़ाया है जो आज यह आंकड़ा 9 करोड़ को पार कर चुका है। भारत अब मास्क और पीपीई किट के मामले में भी आत्मनिर्भर हो गया है जिनका हम पहले आयात करते थे।
उन्होंने चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों से लोगों को प्रेरित करने और प्रभावशाली व्यक्तियों, स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों, विद्यालयों आदि के साथ बैठक आयोजित करके जागरूकता फैलाने में नेतृत्वपूर्ण भूमिका निभाने का भी आग्रह किया।