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डॉ. हर्षवर्धन और संजय धोत्रे ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में डाक विभाग के विशेष कवर का विमोचन किया

डॉ. हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री के "वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व" के आह्वान पर प्रकाश डाला

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Positive India: Nov 02, 2020;

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केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और डाक, शिक्षा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में डाक विभाग के विशेष कवर का विमोचन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को बधाई दी और कहा, “हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान के सभी क्षेत्रों, चाहे वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मामला हो या नैनो टेक्नोलॉजी, डेटा एनालिटिक्स, एस्ट्रो-फिजिक्स, एस्ट्रोनॉमी या आण्विक घड़ी का या फिर कई और क्षेत्र, में अपनी प्रतिभा साबित की है।” उन्होंने बताया कि आज भारत का विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में 80 से अधिक देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले छह वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में उन्होंने देश के प्रत्येक प्रयोगशाला का दौरा किया है और गर्व के साथ यह देखा है कि कैसे हमारे वैज्ञानिक वर्तमान कोविड-19 जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद नई उंचाइयों को हासिल करने के लिए अथक मेहनत करते हैं।

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केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने “प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व के आह्वान” की ओर भी ध्यान दिलाया, जिसमें विज्ञान के प्रत्येक कार्य से लोगों को बेहतर जीवन मुहैया कराने की अपेक्षा की गयी है। डॉ. हर्षवर्धन ने “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में ऐतिहासिक विशेष कवर” जारी करने के लिए डाक, शिक्षा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे का धन्यवाद किया। उन्होंने सेवाओं की त्वरित आपूर्ति के जरिए दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से डाक विभाग के साथ नजदीकी सहयोग करने और उसे और अधिक गतिशील बनाने का आह्वान किया। डाक विभाग को “लोगों का सबसे भरोसेमंद दोस्त” करार देते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी याद किया कि “कैसे वो परिवार के सदस्यों को पत्र लिखना पसंद करते थे और उतनी ही उत्सुकता के साथ उनके जवाब प्राप्त करते थे और वो अभी भी उन खुबसूरत यादों को चिट्ठियों से भरे बक्से में सहेजकर रखे हुए हैं।”

श्री संजय धोत्रे ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि “डाक विभाग भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की अपार उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाला विशेष कवर जारी करके गर्व महसूस कर रहा है।” उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों ने भारत के विकास में एक व्यापक हिस्सेदारी निभायी है।” उन्होंने कहा, “पूरे देश में डाक विभाग की पहुंच होने की वजह से यह विशेष कवर हर किसी को हमारे वैज्ञानिकों द्वारा देश को आगे ले जाने और गरीबों को लाभान्वित करने में निभाई गयी भूमिका की सराहना करने को प्रेरित करेगा।” उन्होंने कहा, “डाक विभाग को भारत सरकार की सबसे भरोसेमंद एजेंसी का तमगा प्राप्त है जो सभी लोगों को, यहां तक ​​कि सबसे विकट परिस्थितियों में भी, जोड़ती है।” उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से डाक विभाग के साथ मिलकर काम करने का अनुरोध किया ताकि वह खुद को लोगों के अधिक अनुकूल और अपनी सेवाओं में और तेजी ला सके।

इस अवसर पर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि भारत के वैज्ञानिक संस्थानों के नेटवर्क को डीएसटी द्वारा प्रदान किये गये समर्थन और हितधारकों के व्यापक आधार तक इसकी पहुंच, ने भारत की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जोकि वैज्ञानिक प्रकाशनों में वैश्विक स्तर पर तीसरा स्थान हासिल करने, नवाचार सूचकांक में ऊपर चढ़ने आदि जैसे संकेतकों से स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा, यह सब पिछले 50 वर्षों में वैज्ञानिकों, छात्रों के योगदान के कारण संभव हो पाया है और इसका जिक्र डाक कवर में किया गया है। उन्होंने डाक विभाग के साथ काम करके उनके लिए तकनीकी समाधान ढूंढने की उत्सुकता व्यक्त की।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग 3 मई, 2020 से 3 मई, 2021 तक अपनी 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। विभाग ने स्वर्ण जयंती वर्ष मनाने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना मई, 1971 में की गई थी। इसका उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों को बढ़ावा देना और देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी गतिविधियों के आयोजन, समन्वय और बढ़ावा देने के लिए एक नोडल विभाग के रूप में कार्य करना था। विभाग के ऊपर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित नीतियों के निर्माण; कैबिनेट की वैज्ञानिक सलाहकार समिति (एसएसीसी) से संबंधित मामलों को निपटाना; राष्ट्र के समग्र विकास और सुरक्षा के लिए सभी स्तरों पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोगों का प्रचार; वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों, वैज्ञानिक संघों और निकायों को सहायता एवं अनुदान मुहैया कराने जैसे प्रमुख दायित्व और जिम्मेदारियां हैं। विभाग के जिम्मे एक तरफ उच्च स्तरीय बुनियादी अनुसंधान को बढ़ावा देने तथा अत्याधुनिक तकनीकों के विकास और दूसरी तरफ उपयुक्त कौशल एवं तकनीकों के विकास के जरिए आम आदमी की तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने की विविध गतिविधियां हैं।
श्री विनीत कुमार पांडे, महानिदेशक (डाक) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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