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दिन-रात्रि टेस्ट में गुलाबी गेंद से सामंजस्य बिठाने में कोई परेशानी नहीं होगी: पुजारा

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पॉजिटिव इंडिया:कोलकाता, 2 नवंबर 2019
(भाषा) चेतेश्वर पुजारा भारत के पहले दिन-रात्रि टेस्ट को लेकर काफी उत्साहित हैं, भले ही इसके चुनौतीपूर्ण होने की बातें चल रही हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि टीम के मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप को गुलाबी गेंद के लिये अनुकूलित होने में कोई समस्या नहीं होगी।
तीन साल पहले जब सौरव गांगुली की अगुआई वाली बीसीसीआई की तकनीकी समिति ने पहली बार गुलाबी गेंद के साथ प्रयोग किया था तो इसे दलीप ट्राफी में लागू किया गया था जिसमें पुजारा ने इंडिया ब्लू के लिये दो बड़े शतक से 453 रन बनाये थे। उन्होंने नाबाद 256 रन की पारी भी खेली थी।
गांगुली ने अब बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालते ही दिन-रात्रि टेस्ट के लिये बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को सहमत कर लिया जिससे अब दोनों देश 22 से 26 नवंबर तक ईडन गार्डन्स में गुलाबी गेंद से अपना पहला टेस्ट मैच खेलेंगे।
महान क्रिकेटर सचिन तेदुलकर सहित पूर्व खिलाड़ियों ने कई चुनौतियों की बात की है जिसमें शाम में खेलने से ओस की समस्या सबसे अहम है।
टेस्ट में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले पुजारा ने कहा, ‘‘यह उत्साहित करने वाला होगा। हमने जो दिन-रात्रि मैच खेला था तो वो प्रथम श्रेणी मैच था, यह टेस्ट मैच होगा। मुझे पूरा भरोसा है कि सभी खिलाड़ी इसके लिये उत्साहित हैं। ’’
पुजारा ने 2016-17 सत्र में दूधिया रोशनी में गेंद दिखने में दिक्कत की शिकायत की थी लेकिन अब वह इसके लिये अच्छी तरह तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जितना हम खेलेंगे, उतना ही हमें अनुभव मिलेगा कि गेंद को कैसे खेला जाये। हर गेंद में अपनी चुनौती होती हैं मुझे नहीं लगता कि लाल गेंद से गुलाबी गेंद से खेलने में ज्यादा बदलाव करना होगा। कारण यह है कि यह एक ही प्रारूप है। हम पांच दिवसीय मैच ही खेल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा,हां, बस यह दूधिया रोशनी में होता है तो यह अलग होगा। लेकिन यह सिर्फ गुलाबी गेंद का आदी होने की बात है। मुझे ऐसा ही लगता है। इसके अलावा, मुझे नहीं लगता कि इसमें ज्यादा अंतर होगा। हम कुछ टेस्ट मैच खेल लेंगे तो हम बिलकुल सही अंतर जान पायेंगे और इसमें सुधार कर सकते हैं। पुजारा के अलावा मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम में मयंक अग्रवाल, ऋषभ पंत, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी और ऋद्धिमान साहा को घरेलू स्तर पर गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है। उन्होंने कहा, हमें कोई परेशानी नहीं होगी। ज्यादातर खिलाड़ी दलीप ट्राफी में खेल चुके हैं और जो नहीं खेले हैं, उनके लिये यह सीखने का अच्छा मौका होगा। ’’

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