क्या बुजुर्ग महिला की भूख प्यास से हो गई मौत?
बेटा और गर्भवती बहू 1 साल से मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चक्कर काट रहे सरकारी दफ्तरों के।
Positive India:अंबागढ़ चौकी-एनिशपुरी गोस्वामी:
अंबागढ़ चौकी विकासखंड के एक गरीब ग्रामीण युवक अपनी गर्भवती पत्नी के साथ मरी हुई माँ का मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिए एक साल से दर दर की ठोकरे खाते फिर रहा है । नगर मे स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पुलिस थाना, नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा लगातार गुमराह कर इस कार्यालय से उस कार्यालय का उन्हें चक्कर कटवाया जा रहा है बावजूद युवक को अब तक अपनी मरी हुई मां का मृत्यु प्रमाण पत्र नही मिल पाया है।
उल्लेखनीय है कि मामला अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम सांगली का है जहां के धर्मेंद्र राजपूत पिता स्व. शेखर राजपूत अपनी माता के मृत्यु प्रणाम पत्र के लिए 1 साल से भटक रहा है लेकिन संबंधित विभाग के कर्मचारी आंखें मूंद कान में नगैल डालकर सरकारी व्यवस्था का बैंड बाजाए हुए हैं। पीड़ित परिवार को उल्टे कर्मचारी के द्वारा दुर्व्यवहार कर वहां से भगा दिया जाता है।
प्रार्थी धर्मेंद्र ने को बताया कि मेरी माता भेनु बाई राजपूत उम्र-45 वर्ष की दिनांक-11 मार्च 2021को अंबागढ़ चौकी के कुंजाम पेट्रोल पंप के समीप भूखे प्यासे मूर्छित होकर गिर गई पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया तो वहां पर उपस्थित डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया मौत के बाद पुलिस ने पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम कराया धर्मेंद्र राजपूत ने आगे बताया कि वह और उसकी गर्भवती पत्नी ग्राम पंचायत,नगर पंचायत,स्वास्थ्य विभाग,पुलिस विभाग का मां की मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कई चक्कर काट चुके है जहां सिर्फ उन्हें दुत्कार मिलता है।
विशेष:
1-मां के मौत से ज्यादा गम दे दिया है सरकारी व्यवस्था ने:–पीड़ित परिवार के मुताबिक नगर पंचायत कह रही है कि तुम्हारे माता जी का निधन अस्पताल में हुआ है जैसा की पुलिस रिपोर्ट में है इसलिए मृत्यु प्रमाण पत्र स्वास्थ्य विभाग देगा ! फिर जब वे अस्पताल गए तो वहाँ कभी पुलिस थाना तो कभी नगरपंचायत के अधिकारियों से मिलने की बात कहते हुए उन्हें टाल दिया जाता है ।
2-पीएम रिपोर्ट देकर पुलिस थाने हुआ किनारे:-
प्रार्थी युवक ने बताया की पुलिस विभाग ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पंचनामा की प्रति तो दिया लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र किसी ने नहीं दिया जिसके लिए वे लगातार इस दफ्तर से उस दफ्तर चक्कर काट रहे हैं।
3-मृत्यु प्रमाण पत्र का नाम सुनकर भगा देते हैं कार्यालय से:-
धर्मेंद्र राजपूत और उसकी 6 माह की गर्भवती पत्नी को मृत्यु प्रमाण पत्र देने के बजाय जवाब देंह अफसर और बाबू इस कार्यालय से उस कार्यालय का चक्कर कटवा रहे हैं पीड़ित परिवार सरकारी व्यवस्था के चक्रव्यूह में फंस कर थक चुका है और मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि हम लोग मानसिक और आर्थिक रूप से बहुत परेशान हो गए हैं, 1 साल से वे लोग इस कार्यालय से उस कार्यालय जाते हैं फिर भी उन्हें उनकी मां का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है।
4-जन्म मृत्यु पंजीयन ने की पीड़ितों के साथ दुर्व्यवहार:-
पीड़ित परिवार का कहना कि अस्पताल में पदस्थ जन्म मृत्यु शाखा देख रहे हैं सुपरवाइजर जीआर सेवता उन्हें 1 साल से घुमा रहे हैं इसके अलावा दोनों दंपत्ति के साथ आपत्तिजनक दुर्व्यवहार किया जिससे वे मानसिक रूप से प्रताड़ित है।
5-“पूरे मामले को दिखवा रहा हूं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जो हो सकता है उनके विभाग की तरफ से पीड़ित परिवार को मदद की जाएगी,” आर आर धुर्वे-स्वास्थ्य अधिकारी-अंबागढ़ चौकी।