क्या हार्दिक पटेल ने जनता के बहिष्कार के बाद कांग्रेस छोड़ी ?
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
हार्दिक पटेल का कांग्रेस छोड़ना किसी दल से किसी नेता का अलग होना नहीं है। हार्दिक पटेल का कांग्रेस छोड़ना जाति-पाति वाली विनाशकारी राजनीति का गुजरात की जनता द्वारा एक निर्णायक बहिष्कार है। गुजरात जैसे वाइब्रेंट राज्य में यदि जाति के नाम पर राजनीति का सिक्का चल जाए, तो कहीं ना कहीं 8 वर्षों से देश में विकासवादी राजनीति एक फरेब साबित होगा।
जहां एक तरफ बिहार आज भी पुरानी पिछड़ी जातिवादी राजनीति के कारण देश को हर कसर कमजोर कर रहा है। नहीं तो कम से कम देश की मजबूती में अपना योगदान तो नहीं ही दे रहा। वहीं दूसरी तरफ गुजरात देशभर को राजनीतिक संदेश देने में भी अपना वाइब्रेंट छवि लगातार बनाया हुआ है।
वही हार्दिक पटेल जिसने गुजरात चुनाव में राजनीति के चाणक्य अमित शाह को एक बार के लिए अचंभित कर दिया था। तब हार्दिक के चुनावी मैदान में जनता की उपस्थिति में भी कोई कमी नहीं थी। बावजूद इसके गुजरात ने गंदी राजनीति को पूरी तरह नकार दिया है। आज गुजरात राजनीति का वह निर्णायक परिणाम देश के सामने है। यही चीज गुजरात को बिहार बंगाल जैसे राज्यों से अलग करता है। इसके लिए गुजरात धन्यवाद का पात्र है।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)