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धारा 370 और कांग्रेस की घातक सोच

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Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
370 धारा खत्म होने के बाद भी विवाद खत्म करने के बदले कुछ दलो को अनिश्चितता की स्थिति बनाये रखने मे ज्यादा ही रूचि है । इसलिए यह दल अब अपने नकाब को उतारकर सार्वजनिक रूप से सामने आ गये है। इतने संवेदनशील मामले को इतने हल्के रूप मे लेकर अपनी सियासत चमकाने मे लगे हुए है

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विशेषकर कांग्रेस ने अपनी सभी सीमाये तोड़ दी है । इनके बयान राष्ट्र को कितनी क्षति होती है इससे इन्हे कोई फर्क नही पड़ता है । पूर्व गृहमंत्री व वित्तमंत्री पी .चिदंबरम जैसे नेता तीन सौ सत्तर धारा को हिंदू मुस्लिम बनाकर अपने दिवालियापन का परिचय दे दिया है । ऐसा कर ये लोग काश्मीर के साथ, पूरे देश को सांप्रदायिक हिंसा मे झोंकने का कुत्सित प्रयास कर रहे है । वही दिग्विजय सिंह व वाइको जैसे नेता काश्मीर को फिलस्तीन बनाने की बात कर ये तथाकथित कांग्रेस के नेता इमरान खान को प्रत्यक्ष रूप से सहायता प्रदान कर रहे है । इस देश मे फिलिस्तीन जैसे हालात की चाह क्यो है ? ये लोग जिस नाजुक हालत की बात कर रहे है, वो शायद आवश्यक ही था ।

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जिस तरह शरीर मे भी कोई घाव अगर सड़ रहा है तो सर्जरी कर उस हिस्से को निकाल देना ही उस नासूर से मुक्ति संभव है । वैसे ही तीन सौ सत्तर धारा के साथ हो रहा है । यह भी नासूर के समान था । वो मोदी जी और अमित शाह जी ही है जिन्होने मधुमक्खी के बर्रे मे हाथ डाला है । वही मणिशंकर अय्यर जैसे लोग तो पूर्ण रूप से पाकिस्तान की भाषा बोलते है । इस देश मे कांग्रेस वरिष्ठ नेता ही पाक की भाषा वोट के लालच मे बोल रहे है, इससे ज्यादा दुखद क्या होगा । कांग्रेसी नेता अप्रत्यक्ष रूप से इजराइल को भी घसीटने से बाज नही आ रहे है ।

पाक की इस मुद्दे को लेकर, उसकी विदेश नीति पूरी तरह से फेल हो गई है । तो फिर कांग्रेस सामान्य हालात होते क्यो नही देखना चाहती ? कुल मिलाकर इस धारा 370 के हटने से अब भारत सही मायने मे एक हो गया है । विपक्ष को भी एक बार अपनी भूमिका पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है । निश्चित ही यह कदम जहा पाकिस्तान के लिए सदमे से कम नही है वही स्थिति कांग्रेस भी अपने लिए निर्मित करने मे कोई कसर नही छोड़ रही है । इस धारा के हटने से भारत एक है, यह पता चल गया है,पर यह बात कांग्रेस को कब समझ आयेगी?

लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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