Positive India:Dantewada:शहनवाज खान:
घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले से लगभग 75 कि.मी. दूर अरनपुर थाना क्षेत्र के 111 बटालियन के.रि.पु बल अरनपुर के द्वारा केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न आदिवासी कल्याणकारी योजनाओं के तहत सीवीडीएस हट का निर्माण कार्य का उद्घाटन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य, ग्रामीणो के कौशल विकास एवं जीविकोपार्जन के नये श्रोतो का सृजन करना है जिससे यहां के आदिवासी जनजाति लोग नये भारत के निर्माण/विकास में ये सब भी अपना कदम बढ़ाकर, कुछ नया सीख कर आत्मनिर्भर बन सके।के.रि.पु.ब. 111 वाहनी बल के द्वारा ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत, ग्रामीणो को सिलाई मशीन, इलेक्ट्रॉनिक कार्य जैसे, नये बल्ब बनाना, मशीन ठीक करना,आलू चिप्स बनाना, जूस मशीन द्वारा बनाना, चाक बनाने की विधि, सेवईं बनने की विधि, हाथ करधा जैसे विभिन्न विधियां जिनके द्वारा ग्रामीण आंचल के लोग सीख कर आत्मनिर्भर बन सके।
पूरी तैयारी के बाद सीआरपीएफ के डीजी डॉक्टर ए पी महेश्वरी का नक्सल गढ़ गांव अरनपुर के सीआरपीएफ 111 बटालियन के कैंप का दौरा स्थगित हो गया। सुबह से ही जवान से लेकर अफसर डीजी के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जब डीजी के नहीं पहुंचने की खबर मिली, तो सभी मायूस हो गए; हालांकि यहां मौजूद सीआरपीएफ के डीआईजी विनय कुमार ने जवानों का हौसला बढ़ाया।
दरअसल, सीआरपीएफ के डीजी एपी महेश्वरी का पहली बार दंतेवाड़ा प्रवास का कार्यक्रम था। यहां के जवानों के साथ भोजन से अफसरों की बैठक व कौशल विकास ट्रेनिंग के लिए बनाए गए हट का उद्घाटन भी, उन्हीं के हाथों किया जाना था। कार्यक्रम को अफसरों ने स्थगित कर दिया। विनय कुमार ने जवानों का उत्साहवर्धन किया। क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के लिए जवानों और ग्रामीणों के लिए 24 घंटे तत्पर रहकर काम करने वाले उप स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर अतीक अंसारी को सम्मानित किया गया। डीजी के नहीं पहुंचने के कारण हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी और फिर देरी होना बताया.
*के.रि पु.ब. के द्वारा युवाओ को ड्राईविन्ग भी सिखाया गया*
अब तक कई ग्रामीण युवा सीआरपीएफ़ के द्वारा चलाये जा रहे योजनाओ से लाभ ले हो चुके हैं। यहां के ग्रामीण युवा गाड़ी चलाना सीखकर ड्राविन्ग लायसेन्स ले चुके हैं। सीआरपीएफ़ के डीआईजी विनय कुमार ने कहा कि हम इन युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए बहुत जल्द हम बात करके इनको रोजगार देने की कोशिश करेंगे.
पिछले कई साल से केरिपुब के जवानों की शहादत यहां की बनने वाली सड़कों ने ली है। किरन्दुल से पालनार तक रोड, पालनार से समेली तल रोड, समेली से अरनपुर तक रोड और अब अरनपुर से 18 किमी की दूरी जगरगुन्डा वाली रोड, जिसमे 150 से भी ज्यादा जिन्दा आईईडी की बरामदगी और 600 से ज्यादा जवानो की तैनाती के साथ कई जवानो की लाल खून के साथ बना रोड यह दर्शाती है कि अब बस्तर के विकास को कोई नक्सलवाद खत्म नही कर सकता । आज भी जवान जान हथेली पे लेकर इसलिए गश्त पर निकलते है ताकि यहां अच्छी सड़कें हो, यहां के ग्रामीण विकास और अपनी उन्नति देखे, और यहां का इलाका नक्सल मुक्त हो। जवान अपने साथी की बदले की भावना छोड़कर आज भी नक्सलियों से अपिल करते है कि वह नक्सल धारा को छोड़कर अपने गांव, अपने परिवार के साथ एक खुशी जिन्दगी जिये।
इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से विनय कुमार सिंह डीआईजी (ऑप्स) रेंज दंतेवाड़ा, लाल चंद यादव डीआईजी भैरमगढ़, वी.पी.सिंह कमांडेंट 199 बीएन बारसूर, अंबरीश कुमार कमांडेंट 111 बीएन दंतेवाड़ा, जितेन्द्र सिंह यादव कमांडेंट २३१ बीएन जवांगा, जोशुआ कमांडेंट, 230 बीएन, बचेली ,सूरजपाल वर्मा, कमांडेंट, 4 सिग्नल, के. कृष्ण कमांडेड रेन्ज आफ़िसर के साथ 111 बटालिन के सभी अधिकारीगण एवं जवान मौजूद रहे.
-दंतेवाड़ा से शहनवाज खान की रिपोर्ट-