डिवाइस का प्रयोग करते करते हम खुद डिवाइस हो गये ,हमें पता भी नहीं चला।जी हाँ ये इंटरनेट ये सोशल मीडिया ने कब हमारे निजी जिंदगी में सेंध मार कर हमारे सुख चैन ,पारिवारिक संबंधों ,हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में अफ़रातफ़री मचा दिया है। सुबह उठते ही आदतन या तो मोबाइल या टी.वी. रिमोट पर हाथ जाता है।व्हाट्सएप खोलो तो एक साथ ढेर सारे प्रवचन ,उपदेश या गुड मार्निंग दिखेगा।फलाने ने ऐसा सपना देखा कि रात में उसे किसी विशेष देवी देवता ने आदेश किया कि ग्यारह लोगों को मैसेज भेजो ,अब मैसेज कुछ भी हो सकता है ,जैसे अमुक देवी या देवता के १०८ नाम सा कुछ भी आदेश हो सकता है ।अगर ऐसा नही किया सात दिन के अंदर उसको लाखों का नुक़सान या उसके बच्चे की जीवन हानि ,और किसी ने आदेश माना तो उसको करोड़ों की लाटरी मिल गई या कोई संकट टल गया।मतलब लोग अपना काम धाम छोड़ केवल मैसेज करते रहें।व्हाट्सएप धारियों ने इसे कूड़ादान बना दिया है ।कोई भी ऊटपटाँग ,वाहियात चीज़ हो झट से दूसरे को खिसका दो। रही सही कसर फ़ेसबुक ने पूरी कर दी है।हमारे यहाँ डिवाइस भी सीजनल चलता है।हाल ही में हुये चुनाव में तो इतना दुरुपयोग हुआ है सोशल मीडिया का ।छी छी शर्म आती है इन नेताओं और उनके पिट्ठुओं के स्टेटस और पोस्टर्स पर।एक दूसरे के ख़िलाफ़ इतना कीचड़ उछाला गया ,इतने भद्दे भद्दे कमेंट किये गये। ये तो इतने निम्न स्तर पर उतरे कि “तूने मेरी खोली अब मैं तेरी खोलूँगा”।अश्लील सी.डी.,भरे मंच पर खड़े होकर किसी जाति विशेष के लिये अपशब्द कहना।क्या इसी बूते पर देश में राज करने की सोचते हैं।कुल मिलाकर सोशल मीडिया का सही उपयोग कीजिये कोई सकारात्मक संदेश प्रसारित करिये ।जनता में आपके हर कर्म का अच्छा संदेश जाये।तभी तो इसकी उपयोगिता है।
साभार : नीलिमा मिश्रा
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