Posted Date:- Jan 07, 2021
हाल ही में केरल, हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश राज्यों में पोल्ट्री, कौवों, प्रवासी पक्षियों की असामान्य मौतों की घटनाओं के मद्देनजर एवियन इन्फ्लूएंजा फैलने की स्थिति को समझने और राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को इस बीमारी के नियंत्रण, रोकथाम और प्रसार को रोकने के उपाय सुझाने के लिए सचिव, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार की ओर से राज्यों के साथ बैठक बुलायी गई। अब तक, केवल चार राज्यों (केरल, हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश) में इस बीमारी के फैलने की पुष्टि हुई है। केरल के प्रभावित जिलों में पक्षियों को मारने की कार्रवाई जारी है।इस बात पर बल दिया गया है कि जलाशयों, पक्षियों के बाजारों, चिडि़या घरों, पोल्ट्री फार्म्स, आदि के आसपास निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ मृत पक्षियों के शवों का उचित निपटान करने तथा पोल्ट्री फार्म्स में जैव-सुरक्षा को मजबूत बनाना सुनिश्चित किया जाए। राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे एवियन इन्फ्लूएंजा की किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। राज्यों से पीपीई किट्स और पक्षियों को मारने की कार्रवाई के लिए आवश्यक सामान का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
इस बीमारी की स्थिति पर पैनी नजर बनाए रखने और मनुष्यों में इसके फैलने की आशंकाओं को टालने के लिए राज्य पशुपालन विभागों से नमूनों को एकत्र करने और उन्हें समय पर निर्धारित प्रयोगशालाओं (आरडीडीएल/सीडीडीएल/आईसीएआर-एनआईएचएसएडी) में जमा कराने के अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रभावी सम्पर्क और तालमेल सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया गया है। वन क्षेत्रों और जलाशयों के आसपास पाए जाने वाले प्रवासीपक्षियों की असामान्य मौतों के बारे में तत्काल जानकारी देने के लिए राज्य वन विभाग के साथ प्रभावीसमन्वय स्थापित करने पर भी बल दिया गया है।
जंगली/प्रवासी पक्षियों सहित पक्षियों की असामान्य मौतों के लिए निगरानी को बढ़ाने तथा उसे और गहन किए जाने के लिए प्रभावित राज्यों को परामर्श जारी करने के अलावा विभाग ने इस बीमारी के प्रकोप के प्रबंधन, रोग नियंत्रण और इसकी रोकथाम के लिए कार्यनीति तैयार करने, तालमेल बनाने तथा राज्य सरकारों की सहायता करने के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है। इतना ही नहीं,दो केंद्रीय टीमों को निगरानी तथा महामारी संबंधी जांच के लिएप्रभावित राज्यों केरल, हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का दौरा करने के लिए तैनात किया गया है।
तैयारियों का जायजा लेने तथा प्रभावित क्षेत्रों में गहन निगरानी के बारे में सलाह देने के लिए विभाग ने आज सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभागों, पशुपालन विभागों और राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ भी बैठक की।
पोल्ट्री किसानों और आम जनता (अंडे और चिकन के उपभोक्ताओं) के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए राज्यों से कहा गया है कि अफवाहों से प्रभावित उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाओं को शांत किया जाए तथा इस बारे मेंजागरूकता बढ़ायी जाए कि उबालने/पकाने जैसी प्रक्रियाओं को अपनाने पर पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पाद सुरक्षित हैं।