Positive India:Dr.Sanjay Shrivastava
उखड़ती साँसों को,
वो अक्सर संभाल लेता है !
अच्छे अच्छों को,
मौत के मुँह से निकाल लेता है !!
न वो हिन्दू देखता है,
न कभी मुसलमान देखता है !
प्रभु का सेवक है वो,
हर शख्स में बस इंसान देखता है !!
जख्म कितना भी गहरा हो,
वो हिचकिचाता नहीं कभी !
घाव की गंदगी देखकर,
वो सकुचाता नहीं कभी !!
उसके हाथों में जो हुनर है,
बखूबी जानता है वो !
अपने पेशे को प्रभुकी
सेवा मानता है वो !!
जब भी जाता है वो ओ.टी.,
प्रभु को याद करता है !
सफल हो जाए ऑपरेशन,
यही फरियाद करता है !!
रोग कितना भी बड़ा हो,
वो जी जान लगा देता है !
मरीज को ठीक करने में,
वो पूरा ज्ञान लगा देता है !!
अगर हो जाए सफल तो,
हजारों दुआएँ लेता है !
अगर वो हार जाए तो,
लोगों का क्रोध सहता है !!
खरी खोटी वो सुनता है,
फिर भी खामोश रहता है !
अपनी असफलता का उसको,
बहुत अफसोस रहता है !!
वो जानता नहीं किसी को,
मगर धीरज बंधाता है !
निरंतर कर्म के पथ पर,
वो बढ़ते ही जाता है !!
उसे मालूम है कि जिन्दगी,
उस प्रभु की कृपा है !
प्रभु के बंदों की सेवा,
मगर उसकी भी हसरत है ! !
*।।चिकित्सकों को समर्पित ।।*
लेखक: डॉक्टर संजय श्रीवास्तव