Positive India Delhi
आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में दो प्रमुख मीडिया समूहों – ‘दैनिक भास्कर’ और उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार चैनल ‘भारत समाचार’ के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दैनिक भास्कर के मामले में छापेमारी भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर की जा रही है।
उन्होंने बताया कि टीवी समाचार चैनल भारत समाचार समूह और उसके प्रवर्तकों एवं कर्मचारियों के लखनऊ स्थित परिसरों पर इसी तरह से छापेमारी की गई।
विभाग या उसके नीति निर्माण निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से छापेमारी के संबंध में किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
आयकर विभाग के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के हरैया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अजय सिंह और उनके सहयोगियों से जुड़े कुछ परिसरों पर भी छापे मारे। हालांकि, यह तत्काल साफ नहीं हो सका है कि विधायक और मीडिया समूहों के खिलाफ की गई कार्रवाई में कोई संबंध है या नहीं।
सूत्रों ने बताया कि भास्कर समूह के खिलाफ की गई कार्रवाई में समूह के प्रवर्तकों के मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित आवासीय स्थानों पर भी छापे मारे जाना शामिल है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बल – केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सैनिकों और मध्य प्रदेश पुलिस के कर्मियों को भोपाल में आयकर टीमों को सुरक्षा देते देखा गया।
दोनों मीडिया संगठन देश में कोविड-19 प्रबंधन की आलोचना करते रहे थे और अप्रैल-मई में देश को बुरी तरह प्रभावित करने वाली वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस विषय पर कई खबरें की थीं।
दैनिक भास्कर समूह की मूल कंपनी ‘डी बी कॉर्प लिमिटेड’ की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक समूह की मौजूदगी 12 राज्यों में हैं और यह हिंदी, गुजराती तथा मराठी में समाचार-पत्रों के 65 संस्करण एवं 211 उप संस्करण प्रकाशित करती है।
यह सात राज्यों में 30 रेडियो केंद्रों का भी संचालन करती है और छह वेब पोर्टल तथा चार मोबाइल फोन ऐप के साथ इसकी ऑनलाइन उपस्थिति भी है।
‘भारत समाचार’ टीवी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि “उसके प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा, प्रदेश प्रमुख वीरेंद्र सिंह और कुछ कर्मचारियों के घरों तथा चैनल के कार्यालय” में छापेमारी की जा रही है।
दैनिक भास्कर ने बाद में अपनी वेबसाइट पर एक संदेश पोस्ट किया कि आयकर विभाग की टीमों ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में उसके कार्यालयों पर छापे मारे। उसने कहा कि उसके खिलाफ सरकार की छापेमारी इसलिए हुई है क्योंकि उसने “कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सरकार की अक्षमता की सही तस्वीर देश के सामने रखी थी।”
समूह ने कहा कि छापेमारी उसके कई कर्मचारियों के घरों पर की गई, छापे मारने वालों ने कार्यालय में मजूद लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए और उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई।
इसने कहा, “छापेमारी कर रहे अधिकारियों ने कहा कि यह प्रक्रिया का हिस्सा है और उन्हें पंचनामा की कार्यवाही पूरी होने के बाद छोड़ा जाएगा।”
दैनिक भास्कर ने कहा कि रात्रि पाली में काम कर रही डिजिटल टीम को साढ़े बारह बजे दोपहर में छोड़ा गया। साथ ही कहा कि आयकर टीमों में कोई महिला सदस्य नहीं थी जब उसने भोपाल और अहमदाबाद डिजिटल शाखा के उसके कार्यालयों पर छापे मारे जहां महिला कर्मचारी मौजूद थीं।
उसने कहा कि टीम के वरिष्ठ आयकर अधिकारियों ने इन छापों के पीछे के कारण अब तक स्पष्ट नहीं किए हैं।
कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि आयकर विभाग के अधिकारी समूह के करीब छह परिसरों पर “मौजूद हैं।’’ उनमें राज्य की राजधानी भोपाल में प्रेस कॉम्प्लेक्स में स्थित समूह का कार्यालय भी शामिल है।
सिंह ने ट्वीट किया, “पत्रकारिता पर मोदी शाह का प्रहार!! मोदी शाह का एक मात्र हथियार आईटी ईडी सीबीआई। मुझे विश्वास है अग्रवाल बंधु डरेंगे नहीं। दैनिक भास्कर के विभिन्न ठिकानों पर आयकर जांच शाखा की छापामार कार्रवाई शुरू….प्रेस कॉम्प्लेक्स सहित आधा दर्जन स्थानों पर मौजूद है आयकर की टीम।”
छापेमारी पर प्रतिक्रिया करते हुए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये “मीडिया को डराने के प्रयास” हैं।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “उनका संदेश साफ है कि जो कोई भी भाजपा सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी सोच बहुत खतरनाक है। हर किसी को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।”
केजरीवाल ने कहा, “ये छापेमारी फौरन रुकनी चाहिए और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए।”
कांग्रेस नेता एवं राजस्थान के मुख्मंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “दैनिक भास्कर समाचार-पत्र और भारत समाचार चैनल पर छापेमारी मीडिया की आवाज को दबाने की खुली कोशिश है।” उन्होंने ट्वीट किया, “मोदी सरकार अपनी जरा भी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकती। अपनी फासीवादी मानसिकता के चलते, भाजपा लोकतांत्रिक ढांचे में सच्चाई को देखना नहीं चाहती है. साभार पीटीआई.
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