Positive India :Delhi; 25. 6.2020.
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने देश भर में तीन बल्क ड्रग पार्क और चार चिकित्सा उपकरण पार्क के प्रस्तावित विकास के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने के लिए आज औषध (फार्मास्यूटिकल्स) विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया, फार्मास्यूटिकल्स सचिव श्री पीडी वघेला, संयुक्त सचिव श्री नवदीप रिणवा और संयुक्त ड्रग्स कंट्रोलर डॉ एस ईश्वर रेड्डी ने भाग लिया।
श्री गौड़ा और श्री मंडाविया ने सुझाव दिया कि पार्क के क्रमबद्ध विकास को सुनिश्चित करने के लिए पीएलआई योजना के तहत पार्कों के स्थान तथा लाभार्थियों के चयन की प्रक्रियाएं, अच्छी तरह से परिभाषित मानदंडों के आधार पर तैयार की जानी चाहिए।
श्री गौड़ा ने कहा कि इन योजनाओं से बल्क ड्रग्स और चिकित्सा उपकरण के घरेलू उत्पादन में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी क्योंकि इन क्लस्टर में अत्याधुनिक साझा ढांचागत संरचना एवं लोजिस्टिक्स के रूप में लाभ प्राप्त होंगे। इन पार्कों का विकास न केवल आयात पर हमारी निर्भरता को कम करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक फार्मा निर्यात में एक प्रमुख देश बनाने में भी सहायक होगा। प्रति व्यक्ति आय बढ़ने और जीवन शैली से सम्बंधित बीमारियों के बढ़ने के कारण भविष्य में दवाइयों और स्टेंट जैसे उपकरणों पर अधिक खर्च किया जायेगा। प्रत्येक नागरिक को किफायती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने से सम्बंधित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को पूरा करने के लिए देश में सस्ती दर पर दवाओं का उत्पादन होना चाहिए। ये योजनाएं समय की जरूरत हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण और दवा सुरक्षा को मजबूत बनाने पर जोर दिया था।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयात पर निर्भरता को कम करने तथा स्थानीय विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 21 मार्च, 2020 को तीन बल्क ड्रग्स पार्क और चार चिकित्सा उपकरण पार्क के विकास से सम्बंधित योजनाओं को मंजूरी दी थी।
बल्क ड्रग पार्क को प्रोत्साहन देने के तहत, भारत सरकार, तीन बल्क ड्रग पार्क में से प्रत्येक पार्क के लिए अधिकतम 1000 करोड़ रुपये या साझा ढांचागत संरचना सुविधाओं के निर्माण की परियोजना लागत का 70% (पर्वतीय राज्यों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के मामले में 90%), इनमे जो भी कम हो, एकमुश्त अनुदान के रूप में देगी। इसके अलावा, सरकार ने 2020-21 से 2027-28 तक योजना अवधि के दौरान 6,940 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ देश में 53 चिन्हित महत्वपूर्ण केएसएम/ड्रग इंटरमीडिएट और एपीआई के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को भी मंजूरी दी है।
इसी प्रकार, चिकित्सा उपकरण पार्क को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार चार चिकित्सा उपकरण पार्क में से प्रत्येक पार्क के लिए अधिकतम 100 करोड़ रुपये या साझा ढांचागत संरचना सुविधाओं के निर्माण की परियोजना लागत का 70% (पर्वतीय राज्यों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के मामले में 90%), इनमे जो भी कम हो, एकमुश्त अनुदान के रूप में देगी।
इसके अलावा, सरकार ने 2020-21 से 2025-26 तक, योजना अवधि के दौरान 3,420करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ देश में चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को भी मंजूरी दी है।
फार्मास्यूटिकल्स सचिव ने बल्क ड्रग और चिकित्सा उपकरण पार्क के विभिन्न पहलुओं पर एक संक्षिप्त जानकारी दी और कहा कि विभाग इन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने की प्रक्रिया में है।