मानपुर पुलिस के कार्रवाई में षड्यंत्र की बू
30 किलो लाख के साथ रास्ते से उठाये गए युवक, थाने पहुंचे तो बंम बारूद में तब्दील।
Positive India:एनिशपुरी गोस्वामी;अंबागढ़ चौकी:
नक्सल मोर्चे पर लंबे समय से असफल मानपुर पुलिस 11 जून की सुबह पुलिस डिविजन के परदोंनी स्कूल के पास घेराबंदी कर नक्सली सहयोगी को मोटरसाइकिल सहित बंम ,बारूद, नक्सली पर्चा के साथ पकड़ने का दावा करने वाली मानपुर पुलिस अब अपने ही कारवाही में उलझ गई है। एक आदिवासी युवक को जन सुरक्षा अधिनियम के संगीन मामले में फासने को लेकर बेहद चौंकाने वाले तथ्य और षड्यंत्र की बू अब खुलकर सामने आ रही हैं न्यायिक हिरासत में जेल में बंद युवक की गिरफ्तारी को लेकर परिवार और आदिवासी कुंभा के साथ साथ क्षेत्र के समाजसेवी व भाजपा नेत्री श्रीमती नम्रता सिंह ने एफ आई आर की तथ्यात्मक जानकारी पुलिस के अफसरों से लेना चाहा तो जिम्मेदार अफसर उन्हें जवाब देने के बजाय पीठ दिखा रहे हैं। इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर आज नम्रता सिंह के नेतृत्व में मानपुर थाना घेराव किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मानपुर पुलिस की जन सुरक्षा अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही से समूचा मानपुर क्षेत्र उबल पड़ा है। एफआईआर दर्ज होने के बाद 3 दिनों से लगातार परिवार व आदिवासी समाज थाने से लेकर सड़क तक पुलिस के खिलाफ लामबंद होते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग पर उतर आयेहै।
उल्लेखनीय है कि 11 जून की सुबह मानपुर पुलिस ने दावा करते हुए एफआई आर दर्ज किया कि बुकमरका निवासी युवक दिलीप दुग्गा पिता चमरू राम दुग्गा उम्र 23 वर्ष मोटरसाइकिल से एक स्टील कंटेनर में डेढ़ किलो बारूद, 5 नग डेटोनेटर ,2 नग बैटरी, 2 नग प्रेशर कुकर, 4 बंडल बिजली वायर, 6 नग छोटा टॉर्च, 20 नग सेल, 21 नग नक्सली पंपलेट लेकर नक्सलियों को सप्लाई देने जा रहा था; जिसकी सूचना पर घेराबंदी करते हुए परदोनी स्कूल के पास मानपुर टीआई लक्ष्मण केवट के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक अश्वनी यादव प्रधान आरक्षक रोहित पटौदी, आत्मसमर्पित नक्सली कमांडर गैद सिंह आदि ने आरोपी को दबोच लिया । गौरतलब है कि इस मामले से उलट परिवार और गांव वालों ने पुष्टि करते हुए बताया कि युवक दिलीप दुग्गा और उसका दोस्त रजाऊ राम 25 साल पिता अतूराम बुकमरका निवासी एक साथ गांव से हीरो हौंडा मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी 08 एनसी 3583 से 30 किलो लाख लेकर बेचने मानपुर मुख्यालय के लिए निकले हुए थे। मानपुर शराब दुकान के सामने पहले से मौजूद पुलिस जवानों ने उन्हें पकड़ लिया और रजाऊ राम को छोड़ते हुए दिलीप दुग्गा को नक्सली सहयोगी बताते हुए विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेज दिया।
30 किलो लाख कैसे बन गया बम बारूद?
दो आदिवासी युवक अपने बीहण गांव बुकमरका से दिनचर्या के सामान खरीदी और 30 किलो लाख बेचने मानपुर मुख्यालय पहुंच रहे थे जिसे पुलिस ने मानपुर शराब दुकान के सामने रास्ते में रोकते हुए दिलीप दुग्गा को पुलिस गाड़ी में बिठाया गया दूसरे युवक रजाऊराम को छोड़ते हुए उसकी मोटरसाइकिल जप्ती बनाते हुए दिलीप को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल भेज दिया।
निष्पक्ष जांच की मांग:-
आदिवासी युवक के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजने की कार्यवाही के बाद तमाम सवालों में घिरी मानपुर पुलिस के इस कार्रवाई को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर क्षेत्र की समाजसेवी व भाजपा नेत्री नम्रता सिंह ने आवाज उठाया है पीड़ित परिवार के परिजनों के साथ मानपुर थाने पहुंचकर इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग रखी है।
8 माह पूर्व सरपंच की हत्या के दौरान फेंके थे नक्सलियों ने पर्चा:-
मानपुर पुलिस कि कार्यवाही में जन सुरक्षा अधिनियम के साथ जेल में बंद दिलीप दुग्गा के पास से जो पर्चा बरामदगी मानपुर पुलिस बता रही है ,वह 8 माह पूर्व मैनु सलाम परदोनी के पूर्व सरपंच की हत्या के दौरान नक्सलियों ने फेंका था जिसे मानपुर पुलिस युवक से बरामदगी बता रही है ।
संगीन मामले में फासने मानपुर पुलिस ने हीं खरीदे समान:-
सलाखों के पीछे भेजे गए युवक दिलीप दुग्गा के परिजन व आदिवासी नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा की मानपुर पुलिस ने हीं मानपुर नगर के दो दुकानों से इलेक्ट्रिक समान व प्रेशर कुकर सहित अन्य सामानों की खरीदी कि इसके साथ ही आठ 10 माह पूर्व परदोनी सरपंच की हत्या के दौरान नक्सलियों द्वारा फेंके गए पर्चा जो पुलिस के पास जप्त था, युवक को फासने के लिए सामने रखे गए और इस षड्यंत्र को रचते हुए एक आदिवासी युवक को संगीन मामले में नक्सल सहयोगी बताकर जेल भेज दिया।
निष्पक्ष हुई जांच तो नपेगे पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी:-
पीड़ित परिवार व कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने पड़ताल में बताया कि लगातार नक्सली मूवमेंट पर विफल मानपुर पुलिस अपना कद बढ़ाने मनगढ़ंत कहानी रचते हुए एक बेगुनाह आदिवासी युवक को सलाखों के पीछे धकेल दिया जिसके बाद क्षेत्र में आग लगा हुआ है।
-अंबागढ़ चौकी से एनिशपुरी गोस्वामी की रिपोर्ट-