खुद को राजनीतिक रूप से मिटा देने की कीमत देकर भी नरेन्द्र मोदी को हराना है
चुनावी विश्लेषक पूरी तरह असफल क्यो रहे हैं ।
Positive India:Satish Chandra Mishra:
खुद को राजनीतिक रूप से मिटा देने की कीमत देकर भी नरेन्द्र मोदी को हराना है….
1:00 बजे चुनाव आयोग की वेबसाइट बता रही है कि TMC 202 और BJP 77 सीट पर आगे है। ज्ञात रहे कि बंगाल में इसबार लगभग 5.8 करोड़ मत पड़े हैं और 1:00 बजे तक 1.10 करोड़ (19%) मतों की ही गिनती हुई है। लगभग 80% मतों की गिनती होना अभी बाकी है। अतः 80% शेष मतों की गिनती परिणाम बदल सकती है लेकिन TMC की इतनी बड़ी लीड फिलहाल निर्णायक भले ही नहीं हो लेकिन पूरे रुझान को अवश्य बता रही है। भारत के चुनावी इतिहास में इतनी बड़ी लीड वाले परिणाम में परिवर्तन होने का कोई उदाहरण मुझे याद नहीं आता। अतः हार जीत के अंतर में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है लेकिन परिणाम बदल जाने की संभावना मुझे लगभग नगण्य नजर आती है।
बंगाल में सरकार बनाने की उम्मीदें टूटना BJP के लिए झटका तो है लेकिन 3 सीटों की संख्या में 25 गुना सीटों की वृद्धि करने की उपलब्धि उसके लिए राहत की बात अवश्य है।
कांग्रेस द्वारा दिल्ली से शुरू की गयी, BJP विशेषकर मोदी को हराने के लिए राजनीतिक रूप से स्वयं सती हो जाने की कांग्रेसी रणनीति को बंगाल में भी अपनाए जाने को भांपने समझने में सभी राजनीतिक/चुनावी विश्लेषक पूरी तरह असफल रहे हैं। 2016 में 44 सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार केवल एक सीट पर आगे है। 2016 में 28 सीट जीतने वाला वाम मोर्चा इस बार एक भी सीट पर आगे नहीं है। दो वर्ष पूर्व 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और वाममोर्चा को 12% वोट मिला था। आज यह वोट प्रतिशत 6-7% पर अटक गया है। उनका यह घटा हुआ वोट BJP को नहीं मिला है। क्योंकि BJP 2019 में उसे मिले 40 प्रतिशत वोट से फ़िलहाल 2.5% कम पर नजर आ रही है। लेकिन TMC 2019 में उसे मिले 43.3% वोट से लगभग 5-6 % आगे जाकर 48.7% वोट फ़िलहाल पा रही है। यह स्थिति रणनीतिक रूप से TMC को वोट ट्रांसफ़र कराए जाने की कहानी सुना रही है। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं का बंगाल चुनाव से दूरी बनाए रखना और चुनाव से पहले एक बड़ी रैली के बाद वाम मोर्चे द्वारा शातिर चुप्पी साध कर बैठ जाने का रहस्य आज की मतगणना के साथ उजागर हो रहा है।
अतः आज अभी फ़िलहाल अपनी वही बात दोहरा कर यह पोस्ट खत्म करूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विपक्ष विशेषकर कांग्रेस राजनीतिक लड़ाई लड़ ही नहीं रही है। खुद को राजनीतिक रूप से मिटा कर भी वो नरेन्द्र मोदी को हराना चाहती है। ऐसा क्यों है.? इसका उत्तर अपनी पिछली कुछ पोस्टों, विशेषकर कोरोना से सम्बंधित साजिश वाली पोस्टों में दे चुका हूं। याद करिये विदेशों में जमा 20 लाख करोड़ का धन और मोदी द्वारा बना दिये गए FATCA (Foreign Account Tax Compliance Act) और CRS (Common Standard on Reporting and Due Diligence for Financial Account Information) सरीखे अत्यन्त कठोर कानून की कहानी।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार)