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कांग्रेस द्वारा रास्ट्रद्रोह के कानून को खत्म करने की घोषणा पर इतनी चुप्पी क्यो?

रास्ट्रद्रोह का कानून खत्म करने की घोषणा से कितना फायदा होगा

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Positive India: Dr.Chandrakant Wagh:कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी हो गया । आज इसके एक घोषणा पर ही सविस्तार बात करेंगे । इस समय जब देश आंतरिक और बाह्य दोनो जगह आतंकवाद से बराबर से लड रहा है । एक दिन नही जाता की आतंकवाद से जुड़े समाचार न आये हो । काश्मीर तो जहा आतंकवाद का गढ़ ही बन गया था अभी जाकर कही थोड़ी सी राहत मिली है । फिर भी आतंकवादी अपने गतिविधियो से बाज नही आ रहे है । वही पाक भी जहा अप्रत्यक्ष रूप से सीमा पर युद्ध के माहौल बनाये हुए है वही अपने स्थानीय स्लीपर सेल के माध्यम से आतंकवादी घटनाओ को खुलकर अंजाम देता है । उसकी हर समय यह कोशिश रहती है कि इस देश को ज्यादा से ज्यादा नुकसान कैसे पहुचाया जाएँ । वही काश्मीर मे टेरर फंडिग के मामले अभी तो सुर्खीयो मे है । एन आई ए ने काश्मीर के अलगाववादी नेताओ को नजरबंद किया हुआ है । इन्ही के माध्यम से जहा पत्थर बाजो को फंडिग पहुंचती है वही सेना के लिए हालात बद से बदतर हो जाते है । वही दुर्भाग्य पूर्ण रूप से विपक्ष इस हद तक गिरेगा इसकी कोई कल्पना तक नही कर सकता । पहले अपने शासन काल मे खुलकर जिस तरह आतंकवादी के पक्ष मे खड़े दिखे वो शर्मनाक है । उत्तरप्रदेश के पिछले सरकार समाजवादी पार्टी को वहा के उच्च न्यायालय ने केस वापस लेने के मामले मे लताड़ा भी था । फिर जितनी भी आतंकवादी घटनाओ पर कैसे कायॆवाही की जाय इसीमे असमंजस की स्थिति मे रहते थे । हालात तो ये थे कि मुंबई तक की घटना पर जहा आतंकवादी पकड़ाया गया लटकाया गया, उसके बाद भी आर एस एस का नाम इनके बड़े नेता ले रहे है । पर ज़मीनी स्तर मे देखा जाये तो इसमे निर्दोष नागरिक मारा जाता है । न वो हिंदू होता है न मुसलमान, वो हिंदुस्तानी होता है । आतंकवाद का न धम॔ होता है न रंग होता है तो फिर क्या कारण है कि कांग्रेस को राष्ट्र द्रोह कानून हटाने की घोषणा करने पड़ रही है । इसमे कोई भी पकड़ा जाये कानून अपना काम करता रहेगा । क्या कानून व अदालत मे भरोसा नही है ? इस तरह काम कर ये खुले आम सांप्रदायिक माहौल खराब कर रहे है । एक आतंकवादी की कायरना हरकत से समाज भी स्तब्ध हो जाता है । कोई भी समाज हो वो ऐसे लोगो को क्यो पनाह देंगे ? इसमे एक आम आदमी की कही भी सहमती नही रहती । इसलिए आतंकवादीयो की सजा के लिए ये भी उतने ही पुरजोर तरीके से विरोध के साथ खड़े रहते है । यहा के ही लोगो ने कसाब को दफनाने के लिए देश मे जमीन न देने की बात की थी । पर इस तरह की घोषणा पत्र मे वादा करना जहा दुर्भाग्य पूर्ण है, वही किसी एक तबके को संदेह के दायरे मे लाने की एक घृणित कोशिश भी कही जा सकती है । ऐसा करने से वोट मे कितना फायदा होगा पता नही पर उनको अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचाने वाली बात है । आतंकवाद होने के बाद कानून अपना काम क्यो न करे ? आज तो हालात ये है कि इस देश मे लोग जात पात धर्म से उपर उठकर सोचते है । इसलिए ये लोग सैन्य पुलिस जैसे जोखिम पूण॔ अमले मे अपनी सेवाए दे रहे है । वही कई लोग शहीद भी हो जाते है । इस तरह की घोषणा जहा औचित्यहीन है वही असामयिक भी है । ऐसा कर इन्हे कितना फायदा होगा पता नही; इसके बाद भी सांप्रदायिक माहौल सौहार्द पूणॆ रहेगा ये इनके राजनीतिक बिसात का उत्तर होगा । विद्वानो से भरे इस दल मे ऐसे दिन भी आएंगे लगा नही था ।उससे ज्यादा तो दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि किसी ने विरोध तक नही किया । मेरा मानना है कि इसके बाद हमारे सामाजिक ताना-बाना और सदृढ होगा यही उत्तर हम लोग के पास होना चाहिए । पर यह तय है ऐसे घोषणा से आतंकवादी तो खुश होंगे पर वो राष्ट्र भक्त निराश व दुखी होंगे जो हर धर्म के होंगे । जयहिंद जयभारत ।

लेखक:डा.चंद्रकांत रामचंद्र वाघ(ये लेखक के अपने विचार है)

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