

Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
पिछले चालीस दिनो से चल आ रही उहापोह की स्थिति से कोहरा साफ गया है । पहले इवीएम को लेकर अनिश्चितता का माहौल बनाने की कोशिश की गई । वहीं बार बार चुनाव आयोग मे फरियाद, दूसरे तरफ बार बार सर्वोच्च न्यायालय मे अपील कर इस चुनावी गर्दन पर तलवार लटकाने की पूरी कानूनी कोशिश नाकाम हो गई । अंत मे सर्वोच्च न्यायालय को भी लगने लगा कि उनका समय जाया किया जा रहा है । इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर फटकार लगानी पड़ी । अंत मे अराजकता की स्थिति पैदा करने की भी कोशिश की गई। दो नेताओ ने आशातीत परिणाम न आने पर खून खराबे की धमकी भी दे डाली । पर ये देश इंडोनेशिया नही है जहां अराजकता की स्थिति पैदा की जा सके । नरेंद्र मोदी जी ने इस चुनाव मे जो मेहनत की और जो रणनीति अपनाई उसने विरोधियों की पूरी राजनीति को ही जमींदोज कर दिया । अभी समाचार मिला है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस्तीफा दे दिया है । ये तथाकथित महानुभाव प्रधानमंत्री के रेस मे बने हुए थे
यहाँ के चुनाव का पाकिस्तान मे भी जबर्दस्त प्रभाव पड़ेगा । वहां की अवाम नही चाहती थी कि मोदी आये । मोदी जी के आने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा । वही आतंकवादी भी नही चाहते थे कि मोदी जी आये । क्योंकि उन्हें अब डर सताता है कि मोदी जी उनके ठिकाने कही बर्बाद न कर दे । काश्मीर मे अलगाववादियो की भी परेशानी बढ़ने वाली है । पत्थरबाजो के भी बुरे दिन आ गए है । अब समय आ गया है, धारा 370 , 35 A धारा को खत्म करने के लिए जनादेश मिल चुका है । अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेताओ की सूची मे एक नाम और अंकित हो गया वो नाम श्री नरेंद्र मोदी जी का है । एक बात और, अल्पसंख्यकों की जिन्हे मोदी जी के नाम डराया जाता था, उन्होंने झूम कर मोदी जी वोट दिया और उन्हें बम्पर वोटों से जिताया । मुसलमानों का मोदी जी पर विश्वास, सांप्रदायिकता की राजनीति करने वालो को करारा झटका है । वहीं टुकड़े टुकड़े गैंग के कन्हैया कुमार को जिताने के लिए बालीवुड के तथाकथित धर्म-निरपेक्ष कलाकारों ने, ऐवाड॔ वापसी के लोगो ने अपना दिन रात एक कर दिया,ताकि कन्हैया को पोस्टर ब्लाय बनाने में कोई कसर न रह जाए; वो भी इस रिजल्ट से जख्मी हो गए है । वहाँ बेगूसराय से गिरिराज सिंह ने कन्हैया को ऐसी पटकनी दी है कि टुकड़े टुकड़े चारोखाने चित्त हो गया है। वही पश्चिम बंगाल मे टीएमसी की ममता बनर्जी की सरकार ने जिस तरह की राजनीति लोकसभा चुनाव के समय की वो लोकतंत्र के हिसाब से बिल्कुल सही नही था । कठिन परिस्थितियो मे भी बीजेपी ने हार नही मानी । मोदी जी ने और अमित शाह ने पूरी ताकत झोंक दी और वहां कमल खिला दिया । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अमेरिका के न्यूयार्क टाइम्स ने भी लिखा कि मोदी जी की मजबूत छवि के कारण जीत दर्ज हुई है । पाकिस्तान के पेपर डान ने कहा पाक विरोधी नीति की जीत हुई है । कुल मिलाकर यूपीए तथा क्षेत्रीय दल के नेताओ की बदजुबानी ने ही मोदी जी को ये जीत दिलवाई है । पिछले विधानसभा चुनाव मे जो जीत कांग्रेस की हुई थी, ये उसका भी लिटमस पेपर टेस्ट था, जिसमे राज्य सरकार के नीतियों से लोग प्रभावित नही हुए ऐसा भी दिखाई दे रहा है । इसलिए बड़े बड़े नेता धराशायी हो गए है । तथाकथित धर्म निरपेक्षता और सेक्यूलरवाद पर राष्ट्रवाद की जीत हुई है । संघ की 90 वर्षो की साधना और परिश्रम ही है जिसनें भारतीय जनता पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाया है ।
कांग्रेस की यह गत इसलिए हुई है क्योकि कांग्रेस जमीन से कट गई है । यही कारण है आज इन्हे ये दिन देखने पड़ रहे है । सबसे ज्यादा परेशानी नसरुद्दीन शाह जैसे लोगो के लिए भी हो गई है कि पहले भी यहां रहने मे डर लग रहा था । फिर इन लोगो का क्या होगा ?
कुल मिलाकर विपक्ष के सभी निम्न स्तरीय आरोपो के बाद भी इस तरह का जनादेश इस देश के स्वर्णिम इतिहास रचने के लिए आगे बढ रहे है । हमारे लोकतंत्र की जड़े कितनी मजबूत है ये भी विश्व को हम दिखाने मे सफल हो गये है । पुनश्च बधाई मोदी जी को, अमित शाह को तथा बीजेपी को।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं )