कमिश्नर तायल ने गुरुकुल कांप्लेक्स के पुनः जांच करने के निर्देश दिए
कालीबाड़ी के गुरुकुल कांप्लेक्स निर्माण पर नगर निगम का निर्णय।
Positive India:रायपुर। कालीबाड़ी चौक के समीप बने गुरुकुल कांप्लेक्स में अवैध निर्माण को हटाने की कार्यवाही नगर पालिक निगम प्रभावित पक्षों को पूरी तरह सुनवाई का अवसर देने के पश्चात ही करेगा। प्रभावित आवेदकों ने नगर निगम कमिश्नर श्री शिव अनंत तायल से भेंटकर सुनवाई का अवसर देने व पुनः मौके के नाप-जोख के बाद ही अतिक्रमण हटाने अग्रिम कार्य्रवाही किए जाने का अनुरोध किया था। नगर निगम ने जिला न्यायालय के निर्देश के परिपालन में तीन माह का समय मांगा , जिससे न्याय सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। माननीय न्यायालय ने इस आग्रह को स्वीकार कर 5जून 2019तक इस परिसर में तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने के लिए निर्देशित किया है।
गुरुकुल कांप्लेक्स के व्यावसायियों का मानना है कि सन 1992 में अनुज्ञा प्रदान करने के समय इस निर्माण हेतु संदर्भ बिंदु (रिफ्रेंस प्वाइंट) सड़क के ठीक मध्य को माना गया था। अब जबकि सड़क पर निर्माण कार्य निष्पादित किए जा चुके है, तो इस संदर्भ बिंदु में फेरबदल भी हुआ है, जिसके कारण तत्काल अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही किए जाने से व्यावसायियों को अकारण नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस कांप्लेक्स में अपना व्यवसाय कर रहें 45 दुकानदारों ने नगर निगम से अनुरोध किया था कि कार्यवाही के पूर्व मौके का सूक्ष्म निरीक्षण कर ही आगे की कार्यवाही की जानी चाहिए।
व्यावसायियों का यह भी मानना था कि किराए पर रहते हुए अपना कारोबार कर रहे व्यापारियों को भू-स्वामी भातखंडे कला शिक्षा समिति द्वारा नगर निगम के नोटिस के संबंध में किसी भी प्रकार की पूर्व सूचना नही दिए जाने से इस कार्यवाही से वे पूरी तरह अनभिज्ञ थे और इस वजह से न ही न्यायालय में और न ही नगर निगम के समक्ष अपना वास्तविक पक्ष प्रस्तुत कर सके हैं। ऐसे में तत्काल कार्यवाही से इन व्यवसायियों को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिल पाया है।
कमिश्नर तायल ने इस संबंध में बताया है कि व्यापारियों द्वारा सुझाए गए इन सभी बिंदुओं से माननीय न्यायालय को अवगत कराते हुए नगर निगम द्वारा इसके लिए तीन माह की अवधि का अनुरोध किया गया।इस पर निर्णय देते हुए आज जिला न्यायालय ने नगर निगम को तीन माह का समय प्रदान किया है। माननीय न्यायालय ने यह भी कहा है कि आगामी तारीख तक इस परिसर में तोड़फोड़ की कार्रवाई न की जाए।प्रकरण पर अगली सुनवाई 5 अगस्त 2019 को होगी।
कमिश्नर तायल ने आगे बताया है कि सभी पक्षों को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देकर व व्यावसायियों के अभ्यावेदन को दृष्टिगत रखते हुए नगर निवेश की टीम को पुनः मौके का गहन व सूक्ष्म जांच करने हेतु नगर निगम द्वारा निर्देशित किया गया है, जिससे कि न्यायालय के न्याय संगत निर्देश के परिपालन में किसी भी व्यावसायी का वास्तविक हित प्रभावित न हो।