www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

हिंदू धर्म ग्रंथो पर नेता की टिप्पणी राजनैतिक व मानसिक दिवालियेपन की निशानी

कार्ल मार्क्स व माओतसोतुंग के साहित्य मे भी क्या है ?

Ad 1

Positive India:एक बड़े नेता ने हिंदू धर्म ग्रंथो पर जो टिप्पणी की वो कही से भी क्षमा के लायक नही है । यही अगर दूसरे धर्म ग्रंथो पर टिप्पणी होती तो उक्त महाशय अब तक मरचयुरी मे रहते । जिन लोगो का राजनीतिक अस्तित्व खत्म हो रहा है वो इस तरह के निम्न स्तर पर आकर हिंदूओ के सहिष्णुता को कट्टरता मे बदलने का काम कर रहे है । यही कारण है दो सीट मे रहने वाले बीजेपी आज पूर्ण बहुमत मे केंद्र मे सत्ता मे काबिज है । जिस बंगाल मे वाम मोर्चा का सूर्य अस्त नही होता था आज वहां उनका सूपड़ा ही साफ हो गया है । जिस बंगाल मे बीजेपी का नाम लेवा नही था, वहावहां भाजपा के प्रदर्शन से वाम के साथ साथ तृणमूल के भी पसीने छूट रहे है । मोदी जी की सभा मे जिस तरह की भीड़ हो रही है, इस बदलाव को ये बर्दाश्त नही कर पा रहे है । अब डर ये लग रहा है कि कही केंद्र के साथ ये आगे चलकर राज्य मे भी सत्ता मे न आ जाये । इतना तय है कि इनके सिद्धांतों को अब अलविदा कहने का समय आ गया है । राजनीति की दुकान बंद होने की तकलीफ ही है जो दिमागी दिवालिया का कारण बन रहा है । ये लोग अगर इन ग्रंथो को पढ़ते तो विगत सात दशक से हिंसा की बात नही करते । हिंसा की बात करने वालो को धर्म ग्रंथो मे भी यही दिखेगा । फिर कार्ल मार्क्स व माओतसोतुंग के साहित्य मे भी क्या है ? इन साहित्य के बारे मे क्यो नही बोलते ? क्या चीन और रूस मे ऐसी आजादी है ? जिस तरह धूर्तता के साथ रामायण और महाभारत पर बकवास कर ली, मालूम था कि थोड़ी आलोचना होगी फिर सब सामान्य हो जाएगा । हमारे यहा के लचीले न्याय का इन लोग बेजा फायदा उठाते है। क्या होगा एफ आई आर दर्ज होगी और पांच हजार रुपये के मुचलके मे जमानत हो जाएगी । जिसके कारण ऐसे नालायक लोग देशद्रोह कर उसका फायदा उठा लेते है । फिर राष्ट्र द्रोह के वकीलो की जमात दिल्ली मे बैठी हुई है जो इनके सहयोग को अपना फर्ज मानती है । यही अगर चीन और रूस मे रहकर इनके किताबो पर इसी तरह की टिप्पणी करते तो ऐसे लोगो को लात मारकर जेल मे सडते तक रखा जाता या खुले मे सूली पर लटका दिया जाता और हवा भी नही लगती । हिन्दूओ को ऐसे लोगो का सार्वजनिक बहिष्कार के साथ साथ इनके हर कार्यक्रम मे हूटिंग करनी चाहिए । इनके पार्टी की खामोशी भी रहस्यमयी है । ऐसे लोगो को लोकतांत्रिक तरीके से ही जवाब मिलना चाहिए । 23 तारीख को इसका जवाब मिल जाएगा । इसी हड़बड़ाहट ने इस तरह के सोच को सार्वजनिक कर दिया । कहाँ गए विपक्ष के धर्म निरपेक्ष नेता? क्या सबके मुह मे ताला लग गया है? मेरे को सोचकर ऐसे लोगो पर घृणा आती है जो आदमी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपने धर्म का नही हुआ वो राष्ट्र का क्या होगा ? ऐसे लोगो को इतना ही विदेशी सिद्धांत से मोह है तो यहा क्यो झक मार रहे है ? इन्हे उसी देश के लिए काम करना चाहिए । इस शख्स को पूरे राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए । अब हिंदू भी इस तरह के खोखले धर्म निरपेक्षता से तंग आ गया है, जिसका जवाब अब लोगो को भाजपा के रूप मे दिख रहा है । इसीलिए रोज टीवी मे बहस मे इनकी बेचारगी दिखाई देती है । अब इन्हे इस सत्य के साथ रहना होगा । भाजपा का उत्थान ही इन्ही सब कारणों से है । एक बात तय है इस बंदे को माफ नही किया जा सकता । क्रमशः लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Gatiman Ad Inside News Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.