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चिटफंड,शराबबंदी और नई भर्ती के मुद्दों होगा आंदोलन

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Positive India:Raipur:छ:ग नागरिक अधिकार समिति ने चिटफंड निवेशकों की रकम वापसी,शराबबंदी एवं रिक्त पदों पर नई भर्ती सहित अस्थायी कर्मियों के नियमितीकरण के मुद्दों पर आंदोलन तीव्र करने का ऐलान किया है। आज कलेक्ट्रेट गार्डन में संपन्न समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद अध्यक्ष शुभम साहू ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नगरीय चुनावों में भी इन्हें मुख्य मुद्दा बनाया जायेगा। समिति के अध्यक्ष शुभम साहू का मानना है कि इस बार प्रदेश के नगरीय चुनावों में बिजली,पानी,सड़क एवं सफाई के अलावा उक्त तीनों मुद्दे भी महत्वपूर्ण रोल अदा करेंगे। चिटफंड के 20 लाख पीड़ित निवेशकों की बड़ी संख्या शहरी मतदाता है। इसके साथ ही शराब दुकानों से शहरी क्षेत्र के लोग भी पीड़ित है। प्रदेश में नियमितीकरण हेतु प्रतीक्षारत सवा लाख कर्मियों एवं उनके परिवारों की अधिकाँश संख्या शहरों में निवासरत है। रिक्त पदों में सीधी भर्ती का इन्तजार करते युवा बेरोजगार भी नगरीय निकाय के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इस परिदृश्य में छ:ग नागरिक अधिकार समिति प्रदेशभर में जन संसदों का आयोजन करेगी तथा पीडितो व प्रत्याशियों के मध्य सीधा संवाद करवायेगी।विशेषकर सरकार गठन के 9 महीने बाद भी चुनाव घोषणापत्र के इन प्रमुख मुद्दों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने का प्रश्न उठाया जायेगा। इसके अलावा प्रदेश भर में इन तीनों मुद्दों पर जारी आंदोलन को तेज किया जायेगा। इस क्रम में छ:ग नागरिक अधिकार समिति ने घोषणा की है कि 2 अक्टूबर को गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रदेश में सम्पूर्ण शराब बंदी लागू किये जाने की मांग पर नागरिको से हस्ताक्षर अभियान का आगाज किया जायेगा। प्रदेशभर से आम जनता के हस्ताक्षर एकत्र कर राज्य शासन को सौंपा जायेगा। इसी प्रकार इन मुद्दों पर विविध रूपों में जन कार्यवाहियां संयोजित की जायेगी। समिति ने शासन से इन तीनों मुद्दों पर ठोस कार्यवाही की मांग की है।समिति द्वारा पुनः दुहराया गया है कि चिटफंड पीड़ितो के अनुमानित 50 हजार करोड़ रुपयो के भुगतान हेतु समयबद्ध कार्यक्रम घोषित करने एवं इस बाबत विशेष कोष की स्थापना करने,समस्त रिक्त पदों पर नई भर्ती की कार्यवाही आरम्भ करने,अस्थाई कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया आरम्भ करने एवं पूर्ण शराबबंदी की तिथि निश्चित किये जाने की तत्काल आवश्यकता है।इन मांगों के पूर्ण न होने के कारण ही आंदोलन को तीव्र किया जा रहा है।

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