www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

चीनी मुद्दे पर भारत के आत्मविश्वास को देखकर जयचंदो के पेट में दर्द क्यों

The possible outcome of Indo-China conflict.

Ad 1

Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
भारत अभी कोरोना से लड़ ही रहा है । पाकिस्तान भी कोरोना से जूझ रहा है, फिर भी बीच बीच में अपनी चाल चल ही देता है । कल मैं यू टयूब में पाक के लाल टोपी वाले के नाम से प्रसिद्ध भारत विरोधी जैद अहमद को देख रहा था जिसने पाक टीवी में कहा कि अभी भारत से लड़ने का अच्छा मौका है । उन्हे यह लग रहा है कि भारत चीन के बार्डर के तरफ वयस्त रहेगा तो काशमीर मे हम कुछ कर सकते हैं । दो तरफ घिरा होने से पाक को फायदा हो जाएगा; यह सोच ही उनकी मानसिक दिवालियापन का इजहार करती है ।

Gatiman Ad Inside News Ad

चीन भी बहुत अच्छी स्थिति में है, ऐसा बिलकुल नहीं है । चीन का अपने पडोसी जापान से अचछे संबंध नहीं है । ताइवान तो खुलकर भारत के साथ हो गया है,जिसे चीन अपनी मिलकियत बताता है। ताइवान के पेपरों में भारत रूपी मर्यादा पुरुषोत्तम राम को तीर चला कर ड्रैगन को मारते हुए दिखाया जा रहा है। यह हमारे जीत की शुरुआत है । उस दिन टीवी में चीनी पैनलिस्ट के सामने ही एक तिब्बती युवा ने युद्ध में खुलकर भारत के साथ देने की बात की । उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे युद्ध में भारत की तरफ से लड़ने के लिए भारत भी जा सकते है ।

Naryana Health Ad

इस देश में बैठे चीन के हिमायतियो को बता दू, भले उन्हे बुरा लगे, चीन से लगी सभी सरहद वाले देश मौका ही देख रहे है । कहीं युद्ध हुआ तो सभी देश इस मौके पर अपने हाथ धो लेंगे । दुनिया भर मे दादा बनकर घूमने वाला यह देश कुत्ते की तरह दुम दबाते हुए भागने को मजबूर होगा । चीन वही देश है, जिसे ताइवान जैसे छोटे देश ने घुटने टेकने को मजबूर कर दिया । यह वो देश है, जिसके सैनिक यमन से भाग खड़े हुए थे ।

भला हो हमारे देश के उन नागरिकों का जो उनका हौसला अफजाई करते दिखते हैं । यह जमात ऐसी है, जिन्हे जब देश के सैनिक शहीद होते है; तो उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता । पर जब चीन के सैनिक मारे जाते है, तो सबूत मांगने लगते है । कभी-कभी ऐसा लगता है कि सबूत मिलने पर दुखी होकर कहीं मुंडन न करा ले । लोकतंत्र के नाम से सब जायज है ।

खबरों के अनुसार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ इस देश के एक राष्ट्रीय पार्टी के साथ समझौता हुआ है । लोगों ने तो देश के साथ समझौता सुना था, फिर पार्टी के साथ समझौता निश्चित ही संदेह पैदा करता है । अभी की घटनाक्रम से मोदी जी भी काफी आहत है । कल के संबोधन में मुझे वो पुराने वाली याद ताजा हो गई, जब उन्होंने पुलवामा के बाद एक सभा मे कहा था कि पाकिस्तान ने बहुत बड़ी गलती कर दी । फिर उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक कर दी । यही बात कल मोदी जी ने दोहराई । जैसे समाचार आ रहे हैं कि बहुत कुछ होने वाला है । एक बारगी तो चीन भी डरा हुआ है, क्योकि विदेश नीति के बल पर सिर्फ पाकिस्तान ही उसके साथ है । वहीं रूस, अगर भारत का साथ नही देगा तो विरोध भी नहीं करेंगा । बाकी तो पूरे राष्ट्र कोरोना के नाम से खार खायें हुए बैठे हैं । इन हालातो से चीन भी कोई अपरिचित नहीं है ।

चीन पर दूसरे देशों को विश्वास नहीं है । उसने तो अपने ही मित्र पाकिस्तान को मास्क की जगह अंडरवियर ही भेज दिया था । फिर से विषय पर, जिस तरह से प्रधानमंत्री ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नही जायेगा। यह सीधा सीधा सा संदेश है । किसी भी सरकार ने पहली बार सैनिकों के हाथ खुले छोड़ दिये है । रक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूरे आत्मविश्वास मे दिख रहे हैं । ज्यादा तकलीफ तो विपक्ष के तथाकथित नेता और उनके समर्थकों की अनरगल बातो से होती हैं । इनका प्रयास प्रश्न पूछने से ज्यादा सामने वाले को सहायता प्रदान करने की दिखती हैं ।

हमें देश पर, सैनिकों पर, हमारे प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है । यही कारण है कि इस आत्मविश्वास को देखकर चीन तो परेशान है ही, पर इस देश के कुछ लोग ज्यादा ही आहत है । अंत में हम होंगे कामयाब एक दिन, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास । वंदेमातरम, जयहिन्द।

लेखक: डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.