Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
चीन आदतन भारत का दुश्मन नंबर एक है । यही वह चीन है जिसने पंचशील सिद्धांत पर अमल की बात की थी । नेहरू के समय हिंदी चीनी भाई भाई का नारा भी लगा था । मुझे अच्छे से याद है बालभारती मे चीन के दोस्ती पर एक पाठ भी था । बासठ के युद्ध मे अहिंसा के सिद्धांत पर चलते हुए इस देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ । आज हालात यह है कि हमे मानसरोवर जाने के लिए वीजा लेना पड़ता है । इससे शर्मनाक स्थिति क्या हो सकती है ? दुर्भाग्य यह है कि इतने प्रधानमंत्री आए गए पर किसी भी शासक मे यह हिम्मत नही थी कि चीन के प्रधानमंत्री से आंख से आंख मिलाकर बात कर सके । यही कारण है वहा के निजाम को लगने लगा की इस देश को किसी भी मुद्दे पर हर समय दबाया जा सकता है और उसने किया भी ? आज अगर चीन सुरक्षा परिषद् का सदस्य है तो हमारी गलत विदेश नीति के चलते ही है ? भारत को हर दृष्टि से परेशान करने के लिए पाक सिर्फ एक मोहरा है ।
एक बात और बता दू जिस सी पैक पर आज पाक नाज कर रहा है, उसी को आजाद कराने के लिए, पाक को घुटने के बल आकर, उसे मुक्त कराने के लिए भारत के पास ही आना पड़ेगा ।
जिनके घर शीशे के हो, उन्हे दूसरो के घरो मे पत्थर नही फेंकना चाहिए । यह कहावत चीन के लिए लागू होती है । जिस हांगकांग मे लोकतंत्र के लिए आंदोलन हो रहे हों,वो चीन काश्मीर पर हमारे से बात करेगा ? मोदीजी को हांगकांग मुद्दे को जोरदार ढंग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहिए । इस देश से व्यापारिक संबंध खत्म कर देना चाहिए । भले हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा नही कर सकते, पर हमारे व्यापारी तो उससे से संबंध खत्म कर सकते है । देश के लोग चीन से निर्मित वस्तुओ का राष्ट्रीय स्तर पर बहिष्कार कर उसे आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते है । मंदी की मार झेल रहा यह देश भारत के व्यापारिक बहिष्कार के कारण घुटने पर आ जाएगा ।
चीन ने हर समय धोखा दिया है । मसूद अजहर के मामले मे भी इसने तब तक वीटो पावर का उपयोग किया जब तक वो अपने अंतिम सीमा पर नही पहुंचा । मोदीजी की ही विदेश नीति है जिसके कारण उसे डोकलाम से पीछे हटना पड़ा । उस अपमान को आज तक भूला नही है । यही कारण है हर छोटे-बड़े मुद्दे पर टांग अड़ाने से बाज नही आता । काश्मीर तो सुलझा लिया गया है अब चीन को हांगकांग की चिंता करनी चाहिए, जो उसके लिए गले की हड्डी बन चुका है । इस देश को यह साफ समझ लेना चाहिए चीन कभी भी तुम्हारा मित्र नही हो सकता , चाहे वहा कोई भी शासक हो और यहा पर भी कोई भी हो । यह कटु सत्य है पाक की तरह, यहा के विपक्ष की तरह, चीन भी मोदीजी पीड़ित है । पर हालात ऐसे है, कुछ नही कर सकता । एक बार पुनः अपील, लोग चीनी सामान का बहिष्कार करे ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)