चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को गृह मंत्रालय को हस्तांतरित किया जा रहा है । सरकार ने किया खंडन ।
चाइल्डलाइन 1098 से संबंधित शरारती, दुर्भावनापूर्ण और तथ्यों के विपरीत रिपोर्ट।
Positive India:New Delhi:
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘द हिंदू’ में 14 सितंबर 2022 को प्रकाशित शीर्षक “सेंटर हैंगिंग अप ऑन 1098; चिल्ड्रन विल हैव टू कॉल 112” को शरारती, दुर्भावनापूर्ण और तथ्यों के विपरीत पाया है। रिपोर्ट के शीर्षक और इसकी विषय-सामग्री को मंत्रालय से तथ्यात्मक स्थिति के सत्यापन के बिना, आम जनता को गुमराह करने और भ्रम पैदा करने के इरादे से प्रकाशित किया गया है, जो कि लेख में बताई गई बातों के विपरीत है।
यह रिपोर्ट सरासर गलत है कि चिल्ड्रन हेल्पलाइन 1098 को गृह मंत्रालय को हस्तांतरित किया जा रहा है और इसे ईआरएसएस हेल्पलाइन नंबर 112 के तहत संचालित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मंत्रालय बाल अपराध न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन करते हुए हेल्पलाइन 1098 का संचालन जारी रखेगा। 1098 पर की गई कॉल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की चिल्ड्रन हेल्पलाइन पर सुना जाएगा और बच्चे को आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी जैसा कि वर्तमान में प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, किसी भी अतिरिक्त आपातकालीन सहायता की आवश्यकता होने पर, जैसे एम्बुलेंस सेवा, अग्निशमन सेवा, स्थानीय पुलिस को भी सतर्क किया जाएगा। साथ ही, निम्नलिखित अतिरिक्त समाधान भी उपलब्ध होंगे-
• 1098 पर वॉयस कॉल के अलावा एसएमएस सेवा भी उपलब्ध रहेगी
• इंटेलिजेंट कॉल डिस्ट्रीब्यूशन, कॉल कॉन्फ्रेंसिंग
• सभी वॉइस कन्वर्सेशन की डिजिटल लॉगिंग
• कॉलर के स्थान की पहचान
• फीडबैक प्रणाली
• एकीकृत जीआईएस मानचित्र पर अपराध के सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान
हेल्पलाइन में प्रस्तावित परिवर्तन बाल अपराध न्याय अधिनियम के तहत सेवा वितरण संरचनाओं के साथ बेहतर एकीकरण सुनिश्चित करेगा और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा। हेल्पलाइन 1098 ने वर्ष 2021-22 के दौरान केवल 54.6 लाख कॉलों की ही देखरेख की है।
मौजूदा चिल्ड्रन हेल्पलाइन 1098 देश के 750 से अधिक जिलों में से केवल 603 जिलों तक सीमित है। बच्चे तक पहुंचने की प्रक्रिया में बच्चों की संकटकालीन कॉलों का जवाब देने में लगभग 60 मिनट लगते हैं जो बिल्कुल असंतोषजनक है। कॉल लॉग को मैन्युअल रूप से बनाए रखा जाता है और पुलिस, अग्निशमन, एम्बुलेंस सेवाओं जैसी अन्य सेवाओं के साथ एक दूसरे के साथ संपर्क कायम करने की दक्षता में कमी होती है, जिससे संकट की स्थिति में कीमती समय नष्ट होता है। मंत्रालय का लक्ष्य नई संशोधित प्रणाली में इन कमियों को दूर करना है।
चिल्ड्रन हेल्पलाइन 1098 का संचालन मंत्रालय द्वारा किया जाता रहेगा। ईआरएसएस 112 के साथ बैक-एंड तकनीकी एकीकरण से वॉयस कॉल, एसएमएस के माध्यम से आपातकालीन प्रत्युत्तर सेवाओं तक पहुंच के दायरे को बढ़ाने और जीपीएस और जीआईएस सहित सक्षम होने की उम्मीद है। ईआरएसएस 112 और चिल्ड्रेन हेल्पलाइन 1098 के बीच यह अंतर-संचालन यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों के लिए या उनके द्वारा सहायता के लिए 112 पर की गई सभी आकस्मिक कॉल तत्काल चिल्ड्रन हेल्पलाइन पर स्थानांतरित हो जाएंगी और शीघ्र ही इस पर कार्रवाई होगी। चाइल्डलाइन के संचालन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय में प्रक्रियाधीन हैं।