Positive India Delhi 5 April 2021.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ के बाद लापता जवानों में से और 17 जवानों के शव पुलिस ने बरामद किए हैं। मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों की संख्या 22 हो गयी है जबकि 31 अन्य जवान घायल हुए हैं। इस साल की अब तक की सबसे बड़ी नक्सली घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने खोजी अभियान तेज कर दिया है।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने रविवार को बताया कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से डीआरजी के आठ जवानों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन के सात जवानों, एसटीएफ के छह जवानों तथा सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन के एक जवान का शव बरामद किया है। वहीं कोबरा बटालियन का एक जवान अभी भी लापता है।
सुंदरराज ने बताया कि नक्सलियों के बटालियन नंबर एक की उपस्थिति की सूचना के बाद सुरक्षा बलों के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान पर रवाना किया गया था। पुलिस को बटालियन नंबर एक के कमांडर हिड़मा की उपस्थिति की भी सूचना मिली थी। क्षेत्र में बड़ी नक्सली घटनाओं में हिड़मा के शामिल होने की जानकारी मिलती रही है।
पुलिस अधिकारी ने नक्सलियों द्वारा योजना बनाकर हमला करने की खबरों से इंकार किया और कहा कि नक्सलियों के हमले का जवानों ने बहादुरी से मुकाबला किया और मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों को भी काफी नुकसान हुआ है।
बस्तर क्षेत्र के अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है कि हमले के दौरान लगभग चार सौ की संख्या में नक्सली टेकलगुड़ा गांव की पहाड़ी और उसके आसपास मौजूद थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों ने जब जवानों पर गोलीबारी शुरू की तब कुछ जवान बचाव के लिए सूने गांव की ओर चले गए जहां नक्सली उनके इंतजार में थे।
घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार शहीद जवानों के शव खेत और गांव की सड़क के आसपास से बरामद किए गए हैं।
स्थानीय संवाददाताओं ने बताया कि शहीद जवानों के शवों में गोली लगने और कुछ जवानों के शवों में धारदार हथियार से हमला किए जाने का निशान है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शनिवार को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए थे तथा 18 अन्य जवान लापता हो गए थे।
उन्होंने बताया कि रविवार को जवानों की खोज में पुलिस दल को रवाना किया गया था। पुलिस दल ने घटनास्थल से 17 जवानों का शव बरामद कर लिया। घटना स्थल से कुछ जवानों के हथियार नहीं मिले हैं।
राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने बताया कि शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था।
इस अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर और पामेड़ से तथा सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार दोपहर लगभग 12 बजे बीजापुर—सुकमा जिले की सीमा पर सुकमा जिले के जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के करीब नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन तथा तर्रेम के सुरक्षा बलों के मध्य मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ तीन घंटे से अधिक समय तक चली।
पाल ने बताया मुठभेड़ में पांच जवानों के शहीद होने की जानकारी मिली थी। वहीं बाद में कुछ अन्य जवानों के भी लापता होने की जानकारी मिली।
पुलिस अधिकारी ने बताया है कि इस घटना में 31 जवान घायल हुए हैं। घायल जवानों में से सात जवानों को रायपुर के अस्पताल में तथा 24 जवानों का इलाज