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छत्तीसगढ़ जीत के सूरमा है पी एल पुनिया

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Positive India:Gajendra Sahu:
छग में १३ साल से अधिक समय से विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने में जुटी थी, पार्टी में गुटबाज़ी की ख़बरें अख़बार की सुर्ख़ियो में थी , दाँव पर व्यक्तिगत साख ही नहीं छग में कांग्रेस पार्टी का वजूद लग चुका था ।
ऐसे नाज़ुक वक़्त में छग कांग्रेस प्रभारी का बदलाव बहुत संवेदनशील था , क्यूँकि विधानसभा चुनाव के लिए समय की कमी और ज़िम्मेदारियाँ अधिक थी ।
राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा राज्यसभा सांसद पी एल पुनिया को पूरे विश्वास के साथ छग की बागडोर सौंपी गई ।
पी एल पुनिया के प्रथम आगमन ने ही छग कांग्रेस में जान फूँक दी, एयरपोर्ट से कांग्रेस भवन तक १०० से अधिक स्थानो में भव्य स्वागत , कार्यकर्ताओं का जनसैलाब और नेताओ की एकजुटता ने ये प्रमाण दे दिया था कि #गढ़बो_नवा_छत्तीसगढ़ की नींव की ईंट पड़ चुकी है ।
छग प्रभारी PL पुनिया के कुशल निर्देशन में कांग्रेस ने मेहनत शुरू की । वे लगातार छग का द्वारा करने लगे । छग के हर ज़िले के विधानसभा,वार्ड,बूथ की बैठक लेकर वहाँ के क्रियाकलापों, नफ़े-नुक़सान का जायज़ा लिया । बड़े नेताओ से लेकर छोटे कार्यकर्ताओ तक सभी की बात सुनकर उन्हें उनके अनुरूप दायित्व सौपा !
पी एल पुनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मिलकर विधानसभा में टिकट वितरण किया । उनके निर्णय से ज़रूर कुछ कांग्रेसी निराश हुए क्यूँकि कुछ लोग जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे और उन्हें टिकट नहीं मिल पाया ।
उन्होनें टिकट वितरण में भी अपनी दूरदृष्टि का कुशलतापूर्वक प्रदर्शन किया और ९० विधानसभा में ६८ विधानसभा सीटों में प्रत्यशियों को विजय तिलक करवाया । ये उनका का विश्वास था कि छग में कांग्रेस ६० सीटों से ऊपर का आँकड़ा छुएँगीं।
नतीजा आज सबके सामने है … कांग्रेस ने सिर्फ़ एतिहासिक चुनाव ही नहीं जीता बल्कि जनता का दिल जीत कर नया कीर्तिमान भी रच दिया ।
१५ सालों बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी नेताओ,कार्यकर्ताओं के मेहनत,तपस्या,संघर्ष का परिणाम ज़रूर है पर पी एल पुनिया की भूमिका को सदैव सराहा जाएगा । उनके राजनीतिक तजुरबे , सूझबूझ और कुशल निर्देशन का प्रमाण सत्ता वापसी से मिल ही गया।

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