

Positive India: भीषण गर्मी के मौसम में गांव के जलाशयों में निस्तारी के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराने का कार्य लगातार जल संसाधन विभाग द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश के वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई जलाशयों से 1169 ग्रामों के 1768 निस्तारी तालाबों को अब तक भरा जा चुका है। सिंचाई जलाशयों से निस्तारी के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता होने से उस क्षेत्र के भू-क्षेत्र का जल स्तर में भी वृद्धि हो रही है।
जल संसाधन विभाग के वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई जलाशयों में औसत जल भराव 44 प्रतिशत है। राज्य की कुल जल भराव क्षमता 7592.95 मीट्रिक घन मीटर है। इसमें से औद्योगिक प्रयोजन हेतु 471 मीट्रिक घन मीटर तथा पेयजल के लिए 175.23 मीट्रिक घन मीटर रखा गया है। प्रदेश के जलाशयों में निस्तारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 950 मीट्रिक घन मीटर जल नहरों के माध्यम से लगभग 4964 तालाबों को भरा जाएगा। इस प्रकार प्रदेश की सभी आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराए जाने पर भी जलाशयों में अंत में लगभग 627 मीट्रिक घन मीटर जल शेष रहेगा।
जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत ने जलाशयों से रबी और निस्तारी के लिए तथा जल संरक्षण के दृष्टिगत जल का अपव्यय न हो इसे सुनिश्चित करने के निर्देश मैदानी अधिकारियों को दिए गए हैं। उन्होंने जन सामान्य और किसानों से अपेक्षा की है कि यथा सम्भव जल का अपव्यय एवं दुरूपयोग रोका जाए। पानी का प्रवाह, खेतों, मैदानों में फैलते हुए तालाबों तक न पहुंचे, बल्कि सीधे छोटी नालियों के माध्यम से तालाबों को भरा जाए।