Positive India Delhi 3 March 2021
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कोविड रोधी टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में निजी अस्पतालों को कोरोना वायरस के टीके के लिए लोगों से शुल्क वसूल करने की इजाजत देने के केंद्र के फैसले पर मंगलवार को सवाल खड़ा किया।
पिछले हफ्ते, सरकार ने घोषणा की थी कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग सरकारी केंद्रों पर निशुल्क टीका लगवा सकते हैं जबकि निजी अस्पतालों में उन्हें टीके के लिए 250 रुपये का शुल्क देना होगा।
चव्हाण के दफ्तर से जारी एक बयान के मुताबिक, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण के टीकाकरण अभियान के लिए, केंद्र सरकार ने 210 रुपये प्रति खुराक की दर से टीके की 1.65 करोड़ खुराकें खरीदी थीं।
चव्हाण ने कहा कि एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण के मुताबिक, टीकाकरण अभियान के लिए 35,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस रकम में 210 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर 1.5 अरब से ज्यादा टीके की खुराकें खरीदी जा सकती हैं और 75 करोड़ लोगों को दो बार टीका लगाया जा सकता है जिसमें देश की तकरीबन पूरी वयस्क आबादी आ जाएगी।
बयान में चव्हाण के हवाले से कहा गया है,अगर बजट में प्रावधान किए गए हैं तो (निजी अस्पतालों में) आम लोगों से शुल्क क्यों लिया जा रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश अपने नागरिकों को बीमा योजनाओं या बजट में प्रावधान करके निशुल्क टीका उपलब्ध करा रहे हैं।
चव्हाण ने कहा, मैं मांग करता हूं कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के सभी लाभार्थियों को कोविड-19 टीका निशुल्क दिया जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाओं और भारत के कोविड-19 टीके का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता होने के बावजूद मोदी सरकार आम आदमी पर।
साभार:पीटीआई-भाषा