पक्का हो गया कि दो मई को बंगाल में पोरिबोर्तन होबे
५१ शक्तिपीठों मे से एक मां हिंगलाज देवी का पवित्र मंदिर POK मे है..???
Positive India:Ajit Singh:
दस साल सत्ता मे रहकर बांग्लादेशी,रोहिंग्या घुसपैठियों के साथ देसी कटपीसों का तुष्टीकरण तुम करो,हिंदुओं को मां सरस्वती से लेकर मां दुर्गा की पूजा करने से तुम रोको,केंद्र द्वारा प्रदत्त लोकहित की योजनाओं को तुम लागू न होने दो,कभी भारत के मुख्य व्यवसायिक केंद्र रहे बंगाल के आधारभूत ढ़ांचे को कम्युनिस्टों की तरह तुम ध्वस्त करो,बंगाल के गौरवशाली इतिहास पर तुम चोट पहुंचाओ…..और जब परीक्षा देने का समय हो तो अपनी नाकामियों को छिपा कर आरोप EVM पर मढ़ो……आरोप मोदी,शाह और योगी पर लगाओ….अब इ न चोलबे जेहादन….पोरिबोर्तन होबे….पक्का हो गया कि दो मई…दशानन जैसे विपक्ष की जेहादन दीदी मतलब नाक कटाने वाली शूर्णपखा गई!!
बहरहाल….बंगाल चुनाव की घोषणा होने से पहले ही समझ मे आ गया था कि देशी विदेशी विषैले पॉलिटिकल जीवों का शिकार करने मे माहिर गिरवन के दोनो शेरों के चक्रव्यूह मे ये जेहादी लोमड़ी बुरी तरह से फंस चुकी……..उसकी भाषा,उसका आचरण,उसकी भाव भंगिमा,उसका दुर्घटना जनित ड्रामा और चुनावी मंच पर होंठो के किनारे सफेद फेचकुर तक निकाल कर देते भाषणों के जरिये निकलती उसकी खीझ….साफ साफ संकेत दे रहे थे कि जेहादन के हाथ से बंगाल खिसक चुका है….बाकी जो कुछ बचा था,आज पहले चरण के चुनाव ने बता दिया की फिरंगन,टोंटी,चारा चोर की तरह जेहादन की भी पुन: मूषको भव: की शुरूआत हो चुकी है……अभी तो पहला चरण ही बीता है,देखियेगा की आठवें यानी अंतिम चरण की पोलिंग होते होते………..जेहादन बौखलाहट मे सौ टका विक्षिप्तावस्था तक पहुंचने वाली पहली पॉलिटिकल जीव बन जायेगी….आखिर टैगोर से लेकर सुभाष चंद्र बोस और खुदीराम बोस से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का क्रांतिकारी बंगाल और कितना अपमान सहन करता….लोकतांत्रिक रूप से बंगाली जनमानस के अंदर भरे भड़ास के विस्फोट का आरम्भ हो चुका है…..अब वीडियो के माध्यम से प्रलय मान जैसे रूठे पुराने साथियों से मदद मांग कर भी जेहादन इस ज्वालामुखी को फटने से रोक नही पायेगी………………..इसका भगवा लावा जेहादन के साथ कटपीसों के गजवाई ख्वाब को भी समाप्त कर देगा……मानिये कि अब यही जेहादन का भविष्य है और यही नियति ने रचा भी है..!!
फिलहाल……मै पहले भी कई बार कह चुका हूं,एक बार पुन: कह रहा हूं कि अपने को देश का धुरंधर पॉलिटिशियन होने की गलतफहमी पालने वाले लोग नही जानते है कि कूटनीति और राजनीति की जिस कक्षा के वो खुद को मॉनीटर समझते हैं….गिरवन के दोनो शेर उस स्कूल के प्रबंधक और प्रधानाचार्य हैं….जहां से आत्ममुग्ध विपक्ष सोचना समाप्त करता है….ये दोनो वहां से शुरू करते हैं…बहुत अंतर है दोनो शेरों और दूसरों मे….खैर अपनी बात समाप्त करने से पहले मोदी और शाह की चालों मे फंसे भौचक्क विपक्ष, विशेष रूप से जेहादन बनर्जी जैसी बंगाली कूप मंडूक को ये पता भी न होगा कि मोदी जी के बांग्लादेश दौरे के क्या मायने है…उनका सुंगधा मंदिर जाना,मतुआ समुदाय के सबसे पवित्र मंदिर जाना ये सब बाते सेकुलरो,लिबरलों,अर्बन नक्सलियों और कुएं में रहने वाले पॉलिटिकल मेंढ़क कभी नही समझ पाएंगे……..उन्हे तो २ मई को परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि इसका क्या मतलब है……………………….अरे हां,एक बात तो कहने से रह ही गई…पता नही आपने ध्यान दिया कि नही…जब मोदी जी ने ५१ शक्ति सिद्धि पीठों मे से एक जशोरेश्वरी पीठ का दर्शन करने और मुकुट चढ़ाने के बाद पत्रकार वार्ता मे कहा कि मेरी इच्छा है कि मै सभी शक्तिपीठों का दर्शन पूजन कर सकूं….मनसा,वाचा,कर्मणा भविष्य की बात संकेतों मे करने की महारत रखने वाले प्रधान सेवक क्या नही जानते हैं कि ५१ शक्तिपीठों मे से एक मां हिंगलाज देवी का पवित्र मंदिर POK मे है……………???
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साभार:अजीत सिंह-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)