

पॉजिटिव इंडिया: जशपुरनगर;
महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण मंत्री तथा जशपुर जिले की प्रभारी मंत्री अनिला भेड़िया ने जशपुर जिले में चाय सफल खेती को देखते हुए इसको बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया है। भेड़िया ने कहा कि चाय की खेती जशपुर जिले की पहचान बने। इसके लिए वह शासन की ओर से हर संभव मदद का प्रयास करेंगी। जशपुर प्रवास पर आई प्रभारी मंत्री ने आज सुबह सारूडीह चाय बागान पहुंचकर कर वहां हो रही चाय की खेती अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने चाय की पत्ती से ग्रीन-टी एवं काली सामान्य चाय के निर्माण के बारे में भी जानकारी ली।
भेड़िया ने जिला प्रशासन द्वारा जशपुर जिले में चाय की खेती के लिए किए गए प्रयासों की सरहाना की और इस अभिनव प्रयास के लिए अधिकारियों को बधाई दी।भेड़िया ने सारूडीह महिला स्व.सहायता समूह की सदस्य महिलाओं से भी मिली और उनसे चाय की खेती, पौधे के रख-रखाव एवं पत्ती तोड़ाई तथा उससे चाय निर्माण के बारे में भी चर्चा की। वनमण्डलाधिकारी कृष्ण जाधव ने बताया कि चाय के पौधे की कोमल पत्तियों को तोड़कर उससे ग्रीन-टी एवं सामान्य चाय बनाई जा रही है। यहां 11 एकड़ में चाय बागान तैयार किया गया है। इस बागान से रोजाना 2 क्विंटल चायपत्ती तोड़ी जाती हैं। जिसकी प्रोसेसिंग करके 40 किलो चाय तैयार होती है। यहां की चाय को विशेषज्ञों ने दार्जिंलिंग की चाय से बेहतर क्वालिटी का माना है। वनमण्डलाधिकारी ने बताया कि जशपुर के समीप बालाछापर में प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना का कार्य लगभग पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि अभी जिले के केसरा मनोरा में 30 एकड़ तथा गुटरी, लोखण्डी में 20 एकड़ में चाय बागान लगाए जाने की तैयारी विभाग ने की है। फिलहाल चाय के 3 लाख पौधे बालाछापर नर्सरी में तैयार हैं जिसमें से 2 लाख पौधों को इस साल लगाए जाने की तैयारी कर ली गई है।
सारूडीह चाय बागान की पत्ती से उत्पादित चाय का पैकेट भी समूह की महिलाओं ने प्रभारी मंत्री भेड़िया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को भंेट किया। इस अवसर पर विधायक विनय भगत, नगरपालिका अध्यक्ष श्री हीरू राम निकुंज कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, सीईओ जिला पंचायत श्री राजेन्द्र कटारा, डीएफओ कृष्ण जाधव, माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सदस्य पवन अग्रवाल, अजय गुप्त एवं अन्य लोग उपस्थित थे।