छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए निजी विश्वविद्यालय को चिकित्सा पाठ्यक्रम के संचालन करने की अनुमति दी
डॉ राकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ के निजि विश्वविद्यालयों द्वारा चिकित्सा पाठ्यक्रम के संचालन के संबंध में राज्यपाल को कराया अवगत।
Positive India:Raipur:
निजी विश्वविद्यालयो द्वारा आयुर्वेद/हेल्थ एवं अलाइड साइंसेस/ पैरामेडिकल/ नर्सिंग/ फार्मेसी पाठ्यक्रम खोले जाने की प्रकिया प्रारंभ की जा रही है, निजि विश्वविद्यालय के लिए जारी राजपत्र दिनांक 5 जुलाई 2022 के अनुसार अब निजि विश्वविद्यालय चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपने पाठ्यक्रम संचालित कर सकती हैं, और दूसरों को नियमानुसार संबद्धता भी दे सकती है, इसके लिए बाकायदा उच्च शिक्षा विभाग ने, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी प्रावधानों को दरकिनार करते हुए बाकयदा राजपत्र प्रकाशित भी कर दिया है……
इस बाबत डॉ राकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूया उइके को पत्र लिखकर इस धांधली के बाबत दखल देने की अनुशंसा की है। उन्होंने उल्लेख करते हुए लिखा है कि
*5 जुलाई 2022 के शर्तो में स्पष्ट उल्लेख है कि*
*शर्त क्रमांक (1)*
इन सभी पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने के पूर्व राज्य शासन को पूर्व नियमो को शिथिल करने के लिए अध्यादेश लागू करना पड़ेगा, किंतु कुछ निजि विश्वविद्यालय अध्यादेश लागू करने के पूर्व ही आयुष विश्वविद्यालय के 2008 के एक्ट व राजपत्र के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अपने स्वयं के विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र के सभी पाठ्यक्रम प्रारंभ कर रही है,
*शर्त क्रमांक (2)*
भारत सरकार द्वारा प्रकाशित नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के पृष्ठ क्रमांक 47 में भी यह स्पष्ट उल्लेख है कि मेडिकल व लीगल पाठ्यक्रम संचालन की अनुमति निजी विश्वविद्यालय को नही होगी पर सभी नियमों को दरकिनार करते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने निजी विश्वविद्यालय को को उपरोक्त पाठ्यक्रम संचालन करने हेतु राजपत्र प्रकाशित किया है।
*छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) दिनाँक 16 सितम्बर 2008 विधि एवं विधायी कार्य विभाग, मंत्रालय, दाऊकल्याण सिंह भवन, रायपुर क्रमांक 8850/डी. 242 / 21-अ/प्रा/छ.ग./08 छत्तीसगढ़ विधानसभा का अधिनियम ’’ छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008’’ जिस पर दिनाँक 12.09.2008 को माननीय राज्यपाल महोदय, जी की अनुमति प्राप्त हो चुकी हैं ।* इसके प्रावधानों के अनुसार छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 की धारा 06) (1), (2) एवं (3) के अनुक्रम में प्रदेश के अन्य कोई संस्था, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय द्वारा चिकित्सा शिक्षा से संबंधित किसी भी पाठ्यक्रमों का संचालन नहीं किया जा सकता है–….
1. छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 जिसका वर्तमान नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय है, छत्तीसगढ़ राज्य में दिनांक 29/04/2016 से प्रभावशील है। विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सा शिक्षा से संबद्ध आधुनिक चिकित्सा पद्धति, दन्त चिकित्सा, आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, नर्सिग, फिजियोथैरेपी, लोक स्वास्थ्य एवं अन्य पाठ्यक्रमों का संचालन, संबद्धता, परीक्षा आयोजन एवं उपाधि प्रदान की जाती है। छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 की धारा 06 (1) (2) व (3) के अनुक्रम में प्रदेश की अन्य कोई संस्था, विश्वविद्यालय या महाविद्यालय द्वारा उपरोक्त पाठ्यक्रमों का संचालन आयुष विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है।
2. निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2005 में लागू हुआ तथा छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 में इस अधिनियम के प्रारंभ होने के ठीक पूर्व राज्य में विद्यमान विश्वविद्यालय से संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान की कोई संस्था इस अधिनियम के तहत इस विश्वविद्यालय के अधीन, संबद्ध मान्यता प्राप्त मानी जायेगी। इस प्रकार इस विश्वविद्यालय को चिकित्सा संबंधी विषयों में पूर्ण एकाधिकार प्रदान किया गया अर्थात् इस अधिनियम के प्रारंभ होने के ठीक बाद किसी अन्य संस्था, विश्वविद्यालय या महाविद्यालय को चिकित्सा पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति नहीं है अतः निजी विश्वविद्यालय अधिनियम जो कि 2005 में प्रभावशील हुआ केवल उसमें संशोधन करके ही निजी विश्वविद्यालयों को चिकित्सा पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
3. छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 को बनाने में जिस वैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया हैं उसमें संशोधन हेतु भी उसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा अर्थात् केवल निजी वि. वि. अधिनियम 2005 में संशोधन करके ही उपरोक्त चिकित्सा कोर्सेस के संचालन की अनुमति निजी वि. वि. को नहीं दी जा सकती है, इसके लिए आयुष वि. वि. अधिनियम 2008 में संशोधन करने पर ही उन्हें चिकित्सा पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति प्राप्त नहीं हो पायेगी यदि ऐसा किया जाता है तो वह अधिकारातीत (ultra vires ) माना जाएगा।
4. उच्च शिक्षा विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के दो विभिन्न विभाग है जिनके अपने-अपने निर्धारित अधिकार क्षेत्र है और उनके द्वारा एक दूसरे के विषयों के बारे में नोटिफिकेशन जारी करना अधिकारातीत है जो कि नियमानुसार नहीं है।
5. निजि विश्वविद्यालय दुर्ग B.A.M.S. पाठ्क्रम हेतु विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई सम्बद्धता के अनुक्रम में संचालित है। भारती विश्वविद्यालय दुर्ग को आयुष विश्वविद्यालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाना छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 की धारा 06 (1) (2) व (3) के विरुद्ध है। एक विश्वविद्यालय दुसरे विश्वविद्यालय को अनापत्ति प्रमाण पत्र / अनुमति प्रदान नहीं करता है।
6. छत्तीसगढ़ के निजि विश्वविद्यालयों द्वारा चिकित्सा पाठ्यक्रम के संचालन के संबंध में माननीय राजभवन छत्तीसगढ़ रायपुर को अवगत कराया गया है एवं अंतिम दिशा-निर्देश / आदेश प्रक्रियाधीन है।
7. विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड की बैठक दिनांक 11/10/2022 के निर्णय क्रमांक 24 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के निजि विश्वविद्यालय द्वारा स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र के पाठ्यक्रमों की अनापत्ति प्रमाण पत्र / अनुमति पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ द्वारा नहीं दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
8. निजि विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ बिलासपुर में दायर याचिका क्रमांक 4772/ 2022 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश दिनांक 29/11/2022 के द्वारा याचिकाकर्ता द्वारा याचिका वापिस लिये जाने के परिप्रेक्ष्य में याचिका खारिज किया गया है।
चूंकि *चिकित्सा शिक्षा सीधे ही लोगो के* *जीवन से जुड़ा हुआ है, अतः माननीय महोदय से अनुरोध है कि चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा के मापदंड में किसी भी प्रकार से समझौता न किया जाय* …..