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Politics
यूपी में बढ़ता लव जेहाद
मित्रों,आपसे विनती है,उस पिता की,कि लिंक में दिए इस वीडियो को अधिक से अधिक देखें,पूरा देखें और शेयर करें,शेयर करें अपने तमाम व्हाट्सएप ग्रुप में,अपने फेसबुक ग्रुप में,अपने टेलीग्राम ग्रुप…
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की हैसियत में नहीं हैं नरेंद्र मोदी
बांग्लादेश में जिस तरह हिंदुओं पर हमले अभी भी जारी हैं , मंदिरों और स्त्रियों पर लूट - पाट , अत्याचार और बलात्कार अभी भी थमा नहीं है। सोचिए कि बांग्लादेश में आंदोलन आरक्षण को ले कर हो रहा…
बुलडोजर कहीं न कहीं सड़ी हुई न्याय प्रक्रिया का अंश है।
हसन हुसैन को मारने वाले हिन्दू नहीं थे लेकिन उनकी हत्या का मातम यहाँ मनाया जाता है। फ्रांस या अमेरिका में किसी मुस्लिम की हत्या पर भारतीय मुसलमानों की गांठ में खुजली होने लगती है। यहाँ…
फ़ेसबुक पर ढपोरसंखी लेखकों की कम होती रीच का तराना और उन की फटी ढोल
ढपोरसंखी लेखक हैं जो अपने से असहमत लोगों को अनफ्रेंड कर देते हैं। ब्लाक कर देते हैं। फिर भी फ़ेसबुक पर , फ़ेसबुक के ही ख़िलाफ़ मुनादी करते फिरते हैं कि उन की रीच कम कर दी गई है।। यह फ़ेसबुक की…
रूसी अहंकार का यूक्रेन ने बाजा बजा दिया है ।
यह कैसी महाशक्ति है जो दो साल में यूक्रेन पर कब्ज़ा नहीं कर पायी और यूक्रेन वाले रूस के कुर्स्क एटॉमिक पॉवर प्लांट तक जा पहुँचे ?
ईरान का इसराइल पर हमले का दुस्साहस का वही हाल होगा जो सद्दाम हुसैन के इराक का हुआ था
इज़रायल यूँ तो अपने त्रिस्तरीय आयरन डोम से ईरानी मिसाइलों को जॉर्डन में ही मार गिरायेगा और अगर कुछ मिसाइलें निशाने पर पहुँच भी गईं तो इज़रायल के पास अपनी जनता के लिये ऐसे बंकर हैं जो परमाणु…
रमेश बैस : अब आगे क्या ?
रमेश बैस झिलमिलाती तकदीर वाले इंसान हैं। राजनीति में तकदीर भी बहुत मायने रखती है, इसका अनुपम उदाहरण बैस है।
हिंदुओं पर आक्रमण इस्लाम का प्रिय शग़ल क्यों है ?
बांगलादेश शैली की क्रांति यहाँ कभी भी घटित हो सकती है । मोदी समर्थकों को ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिये । टूल किट के इरादे नेक नहीं हैं ।
इस्लामी राज में हिंदुओं का क्या हाल होता है बांगलादेश इसका ज्वलंत उदाहरण क्यों है?
नया मुल्ला ज़्यादा ही प्याज़ खाता है जैसा कि बांगलादेश में दिखाई दे रहा है । सबसे अधिक क्रूर ये कनवर्टेड मुसलमान ही होता है । बांगलादेश के हिंदुओं को अपनी रक्षा ख़ुद करनी होगी ।
भारत में सार्वजनिक-विमर्श स्पष्टतया हिन्दुत्व और ग़ैर-हिन्दुत्व खेमों में क्यों बट…
मुख्यधारा एंटी-हिन्दुत्व के फेर में प्रो-इस्लाम हो चुकी है और इस बात की शायद उसे अभी पूरी तरह से ख़बर नहीं है और अगर ख़बर हो भी तो वो इस पर विचार नहीं करना चाहेगी.