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Politics
रजिया फंस गई गुंडों में !
अशोक वाजपेयी , वामपंथी लेखकों को बंदर की तरह नचाने में मास्टर हैं।
हुए तुम दोस्त जिसके, दुश्मन उसका आसमाँ क्यूँ हो
मुंबई में कम्युनिस्टों से निपटने के लिए एक समय इंदिरा गांधी ने बाल ठाकरे को खड़ा किया था। बाल ठाकरे इंदिरा गांधी की ही फसल थे।
चे ग्वेवारा मेडिकल डिग्री धारक चिकित्सक थे लेकिन कम्युनिस्ट क्रांतिकारी बन गये
जब मुल्क के सारे बाशिन्दों को जिहाद पर लगाना है तो उतनी ही पढ़ाई ज़रूरी है कि नमाज़ पढ़ सकें ।
कनवर्टेड कौम और चावल की बोरीवाले लोग अपनी कौम से गद्दारी कभी नहीं करते
हिंदुओं को हिंदुओं के लिए जाल डालना आता है,शत्रुओं के लिए नहीं,शत्रुओं के लिए वो बस जाल में फंसने वाला शिकार बनना चुनते हैं...
कुतुब मीनार किसी कुतुबुद्दीन का बनवाया हुआ नहीं है
सल्तनत काल में भारत की आत्मा पर बहुत प्रहार हुआ है, और हर प्रहार का चिन्ह भारत की छाती पर अब भी दिखता है। जाने कब ये चिन्ह मिटेंगे।
जिनका दावा है कि उन्होंने आठ सौ साल हम पर हुकूमत की उनके लिए
आठ सौ साल हमारा संघर्ष चला किंतु हम पहली बार सन सैंतालिस में तब हारे जब देश के एक हिस्से से हमने अपना दावा छोड़ दिया ।
तो पूरा भारत ही अब तक इस्लामी राष्ट्र होता , हम सभी मुसलमान होते , तालिबान होते
जिस ने धर्म के नाम पर पाकिस्तान बनाया , उस जिन्ना का नाम लेते हुए इन की जुबान को लकवा मार जाता है। पाकिस्तान बनाने के लिए डायरेक्ट एक्शन करवाया जिन्ना ने । डायरेक्ट एक्शन मतलब हिंदुओं को…
बयाना मुद्राभांड का भारतीय इतिहास में बड़ा महत्व है
बयाना मुद्राभांड प्राचीन भारत का यह सबसे बड़ा मुद्रा भंडार है जो एक स्थान पर मिला है और यह भारत के स्वर्ण युग के इतिहास पर प्रकाश डालता है । सिक्कों की शुद्धता भी उस युग की सम्पन्नता पर…
IC 814 का अपहरण करने वाले अपहरणकर्ताओं को हिन्दू देवों का नाम दे दिया गया
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़े और नसीरुद्दीन शाह के नेशनल सिनेमा इंस्टिट्यूट से निकले अनुभव उन लोगों में से हैं जिन्हें हिन्दू परंपराओं से घृणा है। वे जब टांग उठाएंगे तो गोबर ही करेंगे।…
लखनऊ का रंग और रुआब
जैसे दिल्ली में इंडिया गेट है। मुंबई में गेट वे आफ इंडिया है। वैसे ही लखनऊ में रूमी दरवाज़ा है। लखनऊ का प्रवेश द्वार।