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Politics
जीवन का आश्चर्य एक विचित्रतम आख्यान है!
मैंने जीवन को उसके निम्नतम तल से देखा। कुलियों, खलासियों, मोचियों, हम्मालों, तम्बोलियों, हॉकरों और संन्यासियों के जीवन को क़रीब से जाना। इस पृष्ठभूमि के चलते आजतक मेरे व्यक्तित्व में एक…
यसरब शहर का नाम बदल कर मदीना क्यों रखा गया ?
मुर्शीद कुली ख़ान जो बंगाल के नवाब थे कोई पठान या ख़ान नहीं थे बल्कि पंडित सूर्य नारायण मिश्रा हुआ करते थे इस्लाम क़ुबूल करने से पहले ।
Indian Navy Responds To The Israel – Hamas Conflict In The Sea
The navy undertook proactive actions during the hijacking of Malta Flagged Bulk Carrier MV Ruen on 14 Dec 23. Today, 23 Mar 2024, marks the completion of 100 days of the ongoing maritime…
अराजक अरविंद केजरीवाल उचक-उचक कर कभी हाईकोर्ट और कभी सुप्रीमकोर्ट की शरण में क्यों जा…
अराजक अरविंद केजरीवाल भी राजनीतिक अफजल ही हैं।
प्योर वेजिटेरियन भोजन वह होता है जिसके निर्माण में किसी जीवित प्राणी की हत्या का…
शाकाहार और मांसाहार का प्रश्न हिन्दू और मुसलमान, ब्राह्मण और दलित, भाजपा और कांग्रेस का प्रश्न नहीं है, यह जानवरों की जीवित रहने की आज़ादी का सवाल है। इस मामले का राजनीतिकरण करना शर्मनाक है।
ट्रायल कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 7 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपा
अरविंद केजरीवाल भारत के पहले सिटिंग मुख्यमंत्री हैं जिन्हें किसी एजेंसी ने न सिर्फ हिरासत में लिया बल्कि 7 दिन की रिमांड पर ले लिया है।
ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को किया गिरफ्तार
आज पेशी के बाद शाम को ईडी के लगभग एक दर्जन अफसरों ने सर्च वारंट के साथ केजरीवाल के निवास में प्रवेश किया। सर्च तथा पूछताछ के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।
इलेक्टोरल बांड: चुनावी भ्रष्टाचार इस देश में कोई मुद्दा ही नहीं रहा
वोटर को आपके भ्रष्ट होने से कोई सरोकार नहीं है उसे अपना हिस्सा चाहिए । मुफ़्त की रेवड़ी मिलती रहे तो आपके भ्रष्ट होने से उसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता ।
“आप 2029 पर ही अटक गए, मैं 2047 के लिए लगा हुआ हूं।”-मोदी
5 वर्षीय चुनाव पद्धति वाले संसदीय लोकतंत्र में मोदी जी अगले 25 साल के लिए अपना विजन देश के सामने रख रहे हैं। किसी भी देश की प्रगति में विजन का तय हो जाना उसकी पहली सफलता है।
पुस्कार मतलब सुख और दुश्मन दोनों एक साथ
यह वही टैगोर हैं जिन की तमाम मूर्तियां लगभग यही लोग पश्चिम बंगाल में तोड़ डालते हैं। सत्तर के दशक की बात है यह। यह वही समय है जब बेटों के खून में भात सान कर मां को खिलाया गया। साहित्य अकादमी…