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Politics
क्या गोडसे के महिमा मंडन से भाजपा को चुनाव में लाभ होगा ?
Positive India:Rajkamal Goswami:
यक्ष प्रश्न — क्या गोडसे(Godse) के महिमा मंडन से भाजपा(BJP) को चुनाव में लाभ होगा ?
उत्तर— एक अनावश्यक मुद्दा जो भाजपा की लुटिया डुबो सकता है । बिना मुद्दे…
केजरीवाल की शराब नीति और कांग्रेस के बैंक अकाउंट को लेकर अमेरिकी हस्तक्षेप का सच
दुनिया भर के देशों की आंतरिक राजनीति में अमेरिका का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष दखल रहता ही है । केजरीवाल उनकी शराब नीति और कांग्रेस के बैंक अकाउंट को लेकर अमेरिकी हस्तक्षेप कोई अचरज वाली बात…
PRESIDENT OF INDIA PRESENTS BHARAT RATNA
Positive India:New Delhi:
The President of India, Smt Droupadi Murmu presented Bharat Ratna at an Investiture Ceremony held at Rashtrapati Bhavan today (March 30, 2024). She conferred…
सावरकर और गाँधी – पार्ट २
सावरकर को सर्वाधिक पीड़ा हुई मोपला विद्रोह के नाम पर मालाबार में मुसलमानों द्वारा हिंदुओं के नरसंहार से ।
सावरकर और गाँधी
भारत में बलाएँ दो ही हैं एक सावरकर एक गाँधी है
एक झूठ का चलता झक्कड़ है एक मक्र की उठती आँधी है
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की हुई मौत
Positive India:Banda(UP)
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का अंत हो गया है। मुख्तार अपनी जेल के बैरक शौचालय में बेहोश पाया गया । उसे तुरंत बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया , जहां डॉक्टरों ने मैसिव…
ईवीएम का उपयोग शुरू करने से बेहतर और कोई चुनावी सुधार अभी तक नहीं हुआ
ईवीएम मशीन को हैक करना उसी तरह संभव नहीं जैसे कोई आपके कैलकुलेटर को हैक नहीं कर सकता । हैक करने के लिए मशीन का इंटरनेट या किसी अन्य डिवाइस से जुड़ा होना ज़रूरी है । इसीलिए हैक हैक का शोर…
माफिया मुख़्तार अंसारी और दंगाई मौलाना तौक़ीर रज़ा अस्पताल में क्यों है?
कांग्रेस , सपा , बसपा राज में जेल से शासन चलाने का हुनर जानते थे , मुख़्तार। तौक़ीर रज़ा दंगा करवा कर लोगों का कत्ले-आम करवा देते थे। पर कोई उन का बाल बांका नहीं कर सकता था। अब निजाम बदला है तो…
Breaking: केजरीवाल ने खालिस्तानी गुरपतवंत पन्नू से लिए 134 करोड़
केजरीवाल ने सिख फॉर जस्टिस को भरोसा दिया था कि वे आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर को AAP की सरकार बनने के पांच दिन बाद छुड़ाने में मदद करेंगे।
अम्बेडकर किसी भी सूरत में वामपंथियों को क्यों पसंद नहीं करते थे?
अपने स्वार्थ में वामपंथियो ने अम्बेडकर को जहरीला बना कर प्रस्तुत करने का एक अभियान जैसा चला रखा है। अम्बेडकर के हवाले से दलित समुदाय में भी जितना जहर बो सकते हैं , निरंतर बो रहे हैं ।