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दुनिया बहुत बड़ी है, अपने दिमाग़ को खोलो, उसको बेमाप विस्तार दो।
हिन्दी के इतने बड़े कवि के लिए आचार्य शंकर का कोई अस्तित्व क्यों नहीं? अद्वैत-वेदान्त से उसे कोई लेना-देना क्यों नहीं?
गुरुकुल महिला कॉलेज में दीक्षा-आरंभ समारोह का आगाज
पॉजिटिव इंडिया:रायपुर,
आज दिनांक 05.08.2024 को गुरुकुल महिला महाविद्यालय, कालीबाड़ी रोड़, रायपुर में नवप्रवेशित छात्राओं के लिए दीक्षारंभ समारोह प्रातः 10ः00 बजे से प्रेक्षागृह में…
शांतिनिकेतन महाविद्यालय में नवप्रवेशितो के लिए दीक्षारंभ समारोह संपन्न
पॉजिटिव इंडिया, रायपुर
आज दिनांक 05.08.2024 को शांतिनिकेतन महाविद्यालय चंगोराभाठा रायपुर में नवप्रवेशित छात्र एवं छात्राओं के लिए
दीक्षारंभ समारोह दोपहर 1-00 बजे से प्रेक्षागृह में…
एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने वर्ल्ड लंग्स कैंसर डे का बताया इतिहास और महत्व
फेफड़ों के कैंसर के सबसे आम लक्षणों में लगातार या बिगड़ती खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, आवाज बैठना या बिना कारण वजन कम होना भी शामिल है।
गुरु दक्षिणा का नाम आते ही सबसे पहले एकलव्य और द्रोणाचार्य की कथा ही मनोमस्तिष्क में…
गुरुओं को कभी एकलव्य जैसे शिष्यों की कामना नहीं करनी चाहिए । जिस तरह साधक सद्गुरु की खोज में रहता है उसी तरह सद्गुरु को भी पात्र शिष्य की खोज रहती है ।
प्रतिभाहीन रेगिस्तान !
आलम यह है कि 96 प्रतिशत पर भी आप को विश्वविद्यालय में एडमिशन ही नहीं मिलता जब कि पचास प्रतिशत वाले को धड़ल्ले से एडमिशन मिल जाता है । तब पढ़ेगा भी कौन इस देश में । मेरिट का आलम यह है कि चौरासी…
आदि शंकराचार्य के सम्मुख ‘गुरु-गोविन्द दोउ खड़े’ वाली कोई दुविधा क्यों…
गुरु और गोविन्द।
आदि शंकराचार्य के सम्मुख 'गुरु-गोविन्द दोउ खड़े' वाली कोई दुविधा नहीं थी! वे गोविन्द (श्रीकृष्ण) के उपासक थे और उनके गुरु का नाम भी गोविन्द ही था। वे एक ही पद में यमक या…
Breaking: India Has Produced Over 40 Quantum Technology Start-Ups In 2 Years
India is becoming the ‘Startup capital of the world.
NEET2024 SCAM पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार कुंभकर्ण की नींद क्यों सोई हुई है ?
मेरी दृष्टि में NEET2024 दुनिया का सबसे जघन्य अपराध है। अपने ही देश की प्रतिभाशाली किशोर पीढ़ी को हताश निराश कर मरने के लिए छोड़ देना।
हमारे समाज के लेखक का कबीर आख़िर कहां गुम हो गया है ?
हमारे लेखकों ने अपने कबीर को सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की तरह अपने लालच , स्वार्थ और दंभ में मार डाला है । कबीर को मार कर अपने को नफ़रत और जहर का केंद्र बना लिया है । ज़रुरत अपने कबीर को…