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मन्नू भंडारी ने लिखा कि राजेंद्र यादव किसी के साथ छ्लात्कार तो कर सकते हैं , बलात्कार…
सच यह है कि राजेंद्र यादव छ्लात्कार में बहुत निपुण थे । तमाम स्त्रियों के साथ उन्हों ने छल किया । अपनी व्याहता मन्नू भंडारी के साथ बेशुमार छल ।
राजेंद्र यादव के लिए औरतें देह और दाम दोनों के साथ प्रस्तुत थीं
राजेंद्र यादव ने अपनी पहली प्रेमिका मीता से लगायत सारा आकाश फिल्म की हीरोइन तक से अपनी देहगाथा लिख कर बताई है। जो शेष रह गईं उन्हें स्वस्थ आदमी की बीमार बातें में बता दिया। लेकिन स्वस्थ आदमी…
लमही गांव की मन में टूटती तसवीर और उस की छटपटाहट के बीच प्रेमचंद की जय !
लमही की जो तसवीर टूटी है मन में अभी-अभी, बिलकुल अभी शहर में तब्दील होते जाने की उस की छटपटाती लहूलुहान तसवीर भी मन में संत्रास की एक बडी़ सी चादर बिछा गई है। सरकारीकरण की आंच में वह बदसूरत…
सलमान रुश्दी ब्रिटेन की महारानी की सम्मान सूची में शीर्ष स्थान पर
पॉजिटिव इंडिया:लंदन;
ब्रिटेन की महारानी के जन्मदिन के अवसर पर सम्मानित किये जाने वाले भारतीय मूल के 40 से ज्यादा पेशेवर तथा सामुदायिक कार्य करने वाले लोगों की सूची में प्रख्यात लेखक सलमान…
यह तुम्हारे विशाल उरोज
तुम्हारे यह विशाल उरोज
काश कि समुद्र होते
और मैं मछली बन कर तैरता
जल के भीतर-भीतर
तुम्हें जीता और जगाता रहता तुम्हें
हिलोरें मार-मार कर धड़काता रहता
तुम्हारा दिल
तुम्हारी दुनिया जवान…
फ़िराक , चुनाव और उन के नित नए अंदाज़
फ़िराक साहब ने सर्वेश्वर जी का हाथ पकड़ कर कहा देखना , मेरे मरने के बाद मुझे कोई दफना न दे। मैं हिंदू हूं , मुझे जलाना ।
कालजयी रचनाओं को पाठकों तक पहुंचाने में ऑडियोबुक अहम : रस्किन बॉन्ड
पॉजिटिव इंडिया: रायपुर (भुवनेश्वर)
भुवनेश्वर में एक साहित्य महोत्सव में जुटे कई लेखक इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कालजयी रचनाओं को ऑडियोबुक या पॉडकास्ट के रूप में लाने से कई लोग इन्हें…
जब शराब के चक्कर में फ़िराक गोरखपुरी की गोरखपुर में ज़मानत ज़ब्त हो गई
फ़िराक बड़ी शान से कहा करते थे कि हिंदुस्तान में अंगरेजी सिर्फ़ ढाई लोग जानते हैं । एक खुद को मानते थे , दूसरे सी नीरद चौधरी और आधा जवाहरलाल नेहरु।
हाय ! हम क्यों न हुए खुशवंत !
खुशवंत सिंह ने जो जीवन जिया और जिस तरह जिया, जिस रोमांच, जिस सलीके और पारदर्शिता से जिया उस में दिया बहुत ज़्यादा और लिया बहुत कम। ऐसा जीवन और ऐसा लिखना काश कि सब के नसीब में होता !
गजेंद्र की लेखनी मानों सोने पर सुहाग
*नये क्षितिज की ओर* किताब कुछ लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की ताक़त रखता है यदि पाठक उसे अपने जीवन संघर्ष से जोड़कर देखे और इस किताब से सकारात्मक ऊर्जा के भाव को पहचान कर उसे अपने जीवन…